Amit Shah:
पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक समीकरण बेहद नाज़ुक हो गए हैं। महागठबंधन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की दोस्ती संकट में दिख रही है। सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन के मसले पर दोनों दलों में टकराव सामने आया है। कई सीटों पर कांग्रेस और राजद ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं, जिससे “फ्रेंडली फाइट” की बजाय खुली जंग की स्थिति बन गई है। वैशाली, लालगंज, कहलगांव और राजापाकड़ जैसी सीटों पर दोनों दलों के नेता आमने-सामने हैं।
कांग्रेस के भीतर भी टिकट वितरण को लेकर असंतोष देखा जा रहा है। वरिष्ठ नेताओं ने टिकट चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। राजद के अंदर भी कुछ सीटों पर नाराजगी है, जिससे गठबंधन की एकता पर खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों और पार्टी के भीतर संवाद बनाए रखना आवश्यक है।
पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी
वहीं, एनडीए में स्थिति नियंत्रण में है। पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी मैदान पर एकजुट दिख रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी संगठन और बूथ प्रबंधन की कमान स्वयं संभाली है। उन्होंने बागी उम्मीदवारों और असंतोषियों को समझाकर पार्टी को “रेस में वापसी” का अवसर दिया। मोदी आगामी चुनावी अभियान में बिहार के 12 बड़े शहरों में मेगा रैलियां करेंगे, जो एनडीए के प्रचार को निर्णायक मोड़ दे सकती हैं।
विश्लेषकों के अनुसार
विश्लेषकों के अनुसार, बिहार का चुनाव इस बार टीम मैनेजमेंट और रणनीति पर आधारित है। जबकि महागठबंधन सीटों पर उलझा और प्रचार में अटका है, एनडीए एकजुट और संगठित दिख रहा है। 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा कि बिहार में सत्ता की बागडोर किसके हाथ में होगी।
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