रांची। रांची यूनिवर्सिटी समेत राज्य के सात विश्वविद्यालयों के अंतर्गत के 22 सरकारी कॉलेजों (अंगीभूत) में बीएड शैक्षणिक सत्र 2009-10 से पढ़ाई हो रही है।
वहीं तीन कॉलेजों में एमएड की पढ़ाई की हो रही है। लेकिन किसी भी कॉलेज में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के एक भी पद सृजित नहीं है।
इन कॉलेजों में संविदा पर नियुक्त शिक्षक सेवा दे रहे हैं। पद सृजित करने और सेवा नियमित करने को लेकर इन कॉलेजों के शिक्षकों ने राजभवन के समक्ष बीएड-एमएड प्राध्यापक शिक्षक संघ के बैनर तले धरना दिया।
पदों का सृजन होना जरूरी
संरक्षक डॉ. तनवीर यूनुस, अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.संजय भुइयां और महासचिव सचिव डॉ. सचिन कुमार ने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन के लिए पद सृजित होना जरूरी है।
पद सृजित करने के साथ ही वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों को समायोजित करने की मांग की। बीएड और एमएड शिक्षकों की सेवा नियमित होने से ही उनका अधिकार मिलेगा।
धरना कार्यक्रम में राज्य के सभी कॉलेजों के शिक्षक शामिल हुए। धरना के पश्चात राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। संचालन डॉ. ओम प्रकाश ने किया।
टीआरएल की तर्ज पर सेवा नियमित करने की मांग
शिक्षकों का ये है तर्क बीएड और एमएड शिक्षकों ने एक स्वर से कहा कि उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और रांची विश्वविद्यालय के टीआरएल डिपार्टमेंट की तर्ज सेवा नियमित की जाए।
कहा कि पर किया जाए क्योंकि टीचर ट्रेनिंग कोर्स को प्रारंभ करने, संचालित करने और योग्य शिक्षक उपलब्ध कराने में हमारा अहम योगदान रहा है।
इसे भी पढ़ें
रांची विविः रिसर्च स्कॉलरों व शिक्षकों के आइडिया उतरेंगे धरातल पर