Jharkhand Assembly:
रांची। झारखंड की राजनीति के मजबूत स्तंभ और झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिवंगत शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग झारखंड विधानसभा में गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को औपचारिक रूप से की गई। विधानसभा के पूरक मानसून सत्र के अंतिम दिन मंत्री दीपक बिरुआ द्वारा यह प्रस्ताव सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया, जिसमें केंद्र सरकार से दिशोम गुरु शिबू सोरेन को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की सिफारिश की गई है।
इस प्रस्ताव का समर्थन कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी किया। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के कारण विधानसभा का मानसून सत्र स्थगित कर दिया गया था, जिसे 22 अगस्त से पुनः शुरू किया गया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक:
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक सदस्य शिबू सोरेन को ‘गुरुजी’ और ‘दिशोम गुरु’ के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने आदिवासियों के हक, जल-जंगल-जमीन और सामाजिक अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया था। उन्होंने बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाने में भी अहम भूमिका निभाई। वह तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने-2005, 2008 और 2009 में हालांकि किसी भी कार्यकाल को वे पूरा नहीं कर सके। केंद्र सरकार में भी उन्होंने कोयला मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।
विधानसभा में शोक प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सबसे पहले यह मांग उठाई थी, जिसके बाद JMM नेताओं ने इसे औपचारिक रूप से आगे बढ़ाया। अब विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिससे यह तय होगा कि गुरुजी को मरणोपरांत भारत रत्न मिलेगा या नहीं।
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