SIR in Bengal:
कोलकाता, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस पहल का लगातार विरोध कर रही हैं और दावा करती रही हैं कि जानबूझकर लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं। इसके बावजूद आयोग ने अधिकारियों को ट्रेनिंग देने की तैयारी शुरू कर दी है।
अधिकारियों की ट्रेनिंग शुरू
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मंगलवार से राज्य के चुनाव अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। राज्य के सीईओ मनोज अग्रवाल, अतिरिक्त सीईओ दिव्येंदु दास और अरिंदम नियोगी इस सत्र का नेतृत्व कर रहे हैं। ट्रेनिंग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) वोटर लिस्ट अपडेट करने की प्रक्रिया को सटीक और सुचारू ढंग से पूरा कर सकें। आने वाले दिनों में ADM और ERO की भी ट्रेनिंग होगी, जो आगे BLO को प्रशिक्षित करेंगे। BLO मतदाताओं के घर-घर जाकर विवरणों की पुष्टि करेंगे और जरूरी दस्तावेजों की जांच करेंगे।
2002 की वोटर लिस्ट से होगा क्रॉस-चेक
चुनाव आयोग ने तय किया है कि 2002 की मतदाता सूची को आधार बनाकर क्रॉस-सत्यापन किया जाएगा। इसका उद्देश्य विशेषकर बुजुर्ग मतदाताओं की परेशानी को कम करना है, ताकि उन्हें अपनी पात्रता साबित करने में दिक्कत न हो। जुलाई 2025 में आयोग ने बंगाल के कई जिलों की 2002 की SIR वोटर लिस्ट पहले ही वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी थी। हालांकि बीरभूम और दक्षिण 24 परगना के कुछ विधानसभा क्षेत्रों की सूचियां उस समय उपलब्ध नहीं थीं।
आयोग की निगरानी
डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश भारती इस हफ्ते कोलकाता का दौरा करेंगे और तैयारियों की समीक्षा करेंगे। जिला स्तर पर वोटर मैपिंग गतिविधियां भी शुरू की जा रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, संशोधन प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
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