संगरूर : पंजाब की राजनीति और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक रहे पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल इस नश्वर संसार की यात्रा पूरी करते हुए पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। उनका अंतिम संस्कार गांव बादल में किया गया, जहां बड़ी संख्या में राजनीतिक नेता, परिवार, रिश्तेदार और आम लोग पहुंचे थे। गांव के श्मशान घाट में जगह नहीं होने के कारण उनके ही बगीचे में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस मौके पर सभी की आंखों से अपने दिवंगत नेता के लिए आंसू बह निकले और माहौल पूरी तरह से गमगीन हो गया. उनके बेटे सुखबीर बादल, बहू हरसिमरत कौर बादल और पोते बेहद भावुक नजर आए।मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की पार्थिव देह के गले लगकर सुखबीर बादल और परिवार के दूसरे सदस्यों ने गले लगा कर अंतिम विदाई दी वहीं, सुखबीर बादल और मनप्रीत बादल ने पूर्व सीएम की अर्थी को कंधा दिया। अंतिम संस्कार से पहले प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए घर पर रखा गया।
यहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनसीपी मुखिया शरद पवार दुख बांटने पहुंचे। इससे पहले कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे.प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, डॉ. बलजीत कौर, श्री दरबार साहिब की प्रमुख ग्रंथी, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पार्थिव देह को काफिले के रूप में उनके पैतृक गांव बादल ले जाया गया। जिस एंबुलेंस में उनका शव था, उसे बिक्रम सिंह मजीठिया चला रहे थे जबकि सुखबीर बादल भी उनके साथ बैठे थे। इस दौरान जगह-जगह पर अकाली वर्कर और उनके समर्थक मौजूद रहे। उन्होंने ‘प्रकाश सिंह बादल अमर रहे’ के नारे लगाते हुए फूलों से उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दौरान उनके बेटे सुखबीर बादल हाथ जोड़कर लोगों का धन्यवाद करते रहे। गौरतलब है कि 95 साल के प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।