Ports Bill:
नई दिल्ली, एजेंसियां। आज लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक, ‘पोर्ट्स बिल’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक का उद्देश्य देश के बंदरगाहों से जुड़े कानूनों को एकीकृत करना, पोर्ट विकास को बढ़ावा देना, कारोबार सुगमता को बढ़ाना और भारत की विशाल समुद्री तटरेखा का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है।
हालांकि, विधेयक के पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। वे बिहार की मतदाता सूची से जुड़े मुद्दे पर नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन करते हुए सदन में खड़े हो गए। इस हंगामे के बावजूद सरकार ने इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित करवा लिया।
विधेयक के मुख्य प्रावधान
बंदरगाह कानूनों का एकीकरण यह विधेयक मौजूदा बंदरगाह कानूनों को एक सरल और एकीकृत ढांचे में लाएगा, जिससे नियमों में स्पष्टता आएगी। इसका उद्देश्य आधुनिक तकनीक और मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ बंदरगाहों का विकास करना है, ताकि वे वैश्विक मानकों के अनुरूप बन सकें।
इस विधेयक के जरिए कारोबारियों और निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान और तेज बनाया जाएगा, जिससे निवेश का माहौल बेहतर होगा। इसका उद्देश्य भारत की लंबी समुद्री तटरेखा का रणनीतिक और आर्थिक रूप से अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है, जिससे निर्यात-आयात को नई गति मिल सके।
बिहार के मुद्दे पर विपक्षी हंगामा
विपक्षी सांसद बिहार के मतदाता सूची से जुड़े मुद्दे को लेकर लगातार विरोध कर रहे थे और इस दौरान सदन में नारेबाजी भी की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिहार की मतदाता सूची में विसंगतियां हैं और इस पर सरकार द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है।
विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार के खिलाफ हंगामा किया। हालांकि, इसके बावजूद सरकार ने ‘पोर्ट्स बिल’ को पारित कर लिया, जिससे भारत के समुद्री व्यापार और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है।
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