चेन्नई/दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पोंगल ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की राष्ट्रीय भावना को प्रतिबिंबित करता है और यही भावनात्मक जुड़ाव काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् में भी देखने को मिला।
प्रधानमंत्री ने संत कवि तिरुवल्लूर का उद्धृत करते हुए राष्ट्र निर्माण में शिक्षित नागरिकों, ईमानदार कारोबारियों और अच्छी फसल के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि पोंगल के दौरान नयी फसल को भगवान को समर्पित किया जाता है और इस उत्सव के केंद्र में ‘अन्नदाता किसान’ होते हैं. उन्होंने भारत के हर त्योहार के गांव, फसल और किसान से संबंध को रेखांकित किया।
मोटे अनाज और तमिल परंपराओं के बीच संबंध पर आधारित अपने एक भाषण को याद करते हुए। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि ‘सुपरफूड श्री अन्न’ (मोटे अनाज) के बारे में एक ‘नई जागरूकता’ आई है और कई युवाओं ने मोटे अनाज पर स्टार्टअप उद्यम शुरू किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मोटे अनाज की खेती करने वाले तीन करोड़ से अधिक किसान इसे (मोटे अनाज को)प्रोत्साहन देने से सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने पोंगल के अवसर पर राष्ट्र की एकता को मजबूत करने के संकल्प के लिए ‘खुद को नए सिरे से समर्पित करने’ के आह्वान के साथ अपने संबोधन का समापन किया।
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