चंडीगढ़,एजेंसियां: हरियाणा विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के बीच बीजेपी सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी है।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया, लेकिन सीएम नायब सिंह सैनी के चेहरे को आगे करके चुनावी मैदान में उतरी है।
ऐसे में जानकारी मिल रही है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम पद की दावेदारी ठोक दी है। उन्होंने कहा कि जनता चाहती है कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री बनें।
ऐसे में सवाल उठता है कि राव इंद्रजीत सिंह की उम्मीद से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ेंगी या फिर पार्टी के लिए सियासी मुनाफा साबित होगा?
जनता की इच्छा कि राव इंद्रजीत सिंह सीएम बनें
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सोमवार को बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के नामांकन के दौरान कहा कि हरियाणा की कुर्सी का रास्ता दक्षिण हरियाणा से होकर गुजरता है।
सीएम बनने के सवाल पर इंद्रजीत ने कहा कि यह उनकी इच्छा नहीं है बल्कि जनता की इच्छा कि वह सीएम बनें।
उन्होंने कहा कि अगर यहां की जनता ने बीजेपी का कभी साथ न दिया होता, तो मनोहर लाल खट्टर दो बार सीएम नहीं बन पाते।
राव इंद्रजीत सिंह का दांव सियासी मुनाफा होगा साबित
राव इंद्रजीत ने कहा कि क्षेत्र की समस्याओं से वे भली-भांति परिचित हैं। अधिकांश समय यहां के प्रतिनिधि रहे, कांग्रेसियों ने रेवाड़ी को पीछे धकेलना का कार्य किया।
अब रेवाड़ी के अच्छे दिन आने वाले हैं। रेवाड़ी इलाके की बदहाली का मुद्दा बनाकर उन्होंने एक तरफ कांग्रेस पर निशाना साधा और दूसरी तरफ सीएम पद की दावेदारी ठोककर भले ही नायब सिंह सैनी की चिंता बढ़ दी है, लेकिन बीजेपी के लिए उनका दांव सियासी मुनाफा साबित हो सकता है।
सीएम नायब सिंह सैनी की तरह राव इंद्रजीत सिंह भी ओबीसी समुदाय से आते हैं। नायब सैनी हरियाणा के जीटी बेल्ट से हैं। तो वहीं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा से हैं। यह दोनों ही इलाके बीजेपी के मजबूत गढ़ माने जाते हैं।
हालांकि, 2019 में जीटी बेल्ट वाले क्षेत्र में बीजेपी का 2014 की तरह से कमल नहीं खिल सका था, जबकि दक्षिण हरियाणा वाले इलाके में अपना दबदबा पहले से भी ज्यादा बनाए रखने में कामयाब रही है।
इस वजह से राव इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि चंडीगढ़ का रास्ता दक्षिण हरियाणा से होकर गुजरता है।
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