चंडीगढ़, एजेंसियां। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर ईवीएम एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतगणना में पोस्टल बैलेट की गिनती में कांग्रेस को भारी बढ़त मिल रही थी। लेकिन ईवीएम खुलते ही मामला बदल गया। कांग्रेस पिछड़ने लगी और बीजेपी आगे निकल गई।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा ईवीएमः
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ईवीएम ट्रेंड करने लगा। यह पहला मौका नहीं है, जब ईवीएम निशाने पर है। पहले भी विपक्ष कई बार अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ चुका है।
ईवीएम से वोंटिंग प्रक्रिया आसान हुईः
ईवीएम के आने से वोटिंग की प्रक्रिया तेज और आसान हो गई। पहले मतपत्रों की गिनती में कई-कई दिन लगा करते थे, जिससे रिजल्ट भी देरी से आते थे। अब ईवीएम मशीन के जरिए मतों की गिनती तेजी से होती है और जल्दी रिजल्ट आ जाता है।
कागज की खपत कम हुईः
एक अनुमान के मुताबिक पहले देश में आम चुनाव में ही 10,000 टन कागज की खपत होती है। इसकी छपाई, ढुलाई और वितरण पर काफी खर्च आता था। देश में ईवीएम का पहली बार यूज 1982 में प्रयोग के तौर पर हुआ था।
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