मुंबई,एजेंसियां। महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार की नाराजगी और विधानसभा में न जाने की खबरों के बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच एक अहम मुलाकात हुई है। यह मुलाकात नागपुर में हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने कुछ देर तक बातचीत की।
क्या है मुलाकात का मकसद?
मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे महाराष्ट्र में सभ्य राजनीति की उम्मीद करते हैं और चुनाव नतीजों के बारे में उनकी समझ आज भी स्पष्ट नहीं है। ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने ईवीएम के खिलाफ आवाज उठाई थी, और उन्हें उम्मीद है कि मौजूदा सरकार राज्य और जनता के हित में काम करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात का एक अहम उद्देश्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर बातचीत करना था। हालांकि, इसमें कोई स्पष्ट निर्णय सामने नहीं आया है, लेकिन दोनों नेताओं की बैठक ने राज्य के सियासी माहौल को गर्म कर दिया है।
पार्टी में नाराजगी का आलम
अजित पवार, जो पहले से ही नाराज चल रहे थे, अब विधानसभा का रुख भी नहीं कर रहे हैं। उनके इस रुख से महाराष्ट्र की राजनीति में और हलचल मच गई है।
क्या फिर साथ आएंगे फडणवीस और उद्धव?
फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच 2019 के बाद यह पहली मुलाकात थी, जब दोनों ने एक फ्रेम में नजर आए। 2019 में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, जबकि एकनाथ शिंदे ने बाद में बीजेपी से हाथ मिलाया था, जिससे दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।
सीएम और उद्धव के बीच बढ़ती निकटता के संकेत
मुलाकात के दौरान फडणवीस और ठाकरे दोनों मुस्कुराते हुए नजर आए, जो शायद सियासी समीकरणों के बदलते रूप को दर्शाते हैं। क्या यह मुलाकात भविष्य में दोनों दलों के बीच सुलह का रास्ता खोलेगी, यह देखना अभी बाकी है।
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