नयी दिल्ली, एजेंसियां : कई राजनीतिक दलों ने विभिन्न कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए चुनावी बॉण्ड देने वालों का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया है जबकि कुछ दलों ने कहा कि उन्हें “ड्रॉप बॉक्स” या डाक के माध्यम से चंदा मिला है, जिन पर किसी का नाम नहीं था।
एक लॉटरी कंपनी से अधिकांश चंदा हासिल करने वाली द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने 2019 में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार चुनावी बॉण्ड का विवरण प्राप्त करने के लिए अपने दानकर्ताओं से संपर्क किया था।
दरअसल, 2018-19 के अपने चुनावी बॉन्ड के खुलासे में दोनों पार्टियों ने विचित्र स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कुछ गुमनाम व्यक्तियों ने उनको दान दिया है।
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कहा कि किसी ने कोलकाता में हमारे ऑफिस में सीलबंद चुनावी बॉन्ड रख दिए, जिसका हमें कुछ नहीं पता।
ऐसी ही बात नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कही कि उनके पटना ऑफिस में कौन चुनावी बॉन्ड रख गया, उन्हें पता नहीं है।
हालांकि, जेडी (यू) ने अप्रैल 2019 में मिले 13 करोड़ में से 3 करोड़ रुपये के दानदाताओं की पहचान का खुलासा किया, लेकिन टीएमसी ने किसी दानदाताओं की पहचान का खुलासा नहीं किया, जिन्होंने 16 जुलाई 2018 और 22 मई 2019 के बीच पार्टी को चुनावी बॉन्ड से लगभग 75 करोड़ रुपये का दान दिया था।
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