पिस्का नगडी। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत हटिया विस्थापित परिवार समिति के बैनर तले रविवार को समिति के अध्यक्ष पंकज शाहदेव के नेतृत्व में सैकड़ो ग्रामीण आणि गांव में बने विस्थापितों के लिए आवास शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव आवासीय परिसर में स्वयं प्रवेश करने हेतु पहुंचे जिन्हें प्रशासन द्वारा बेरीकेडिंग लगाकर आवासीय परिसर से कुछ दूर पहले रोक दिया गया।
विस्थापितों ने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और विस्थापितों ने कहा कि सरकार विस्थापितों के साथ अन्याय करना बंद करें और विस्थापितों के हितों का ख्याल रखे।
विस्थापितों ने कहा की यह आवासीय परिसर किसके लिए बनी है सरकार बताए यदि विस्थापितों के लिए बनी है तो विस्थापितों को आज तक क्यों नहीं दिया गया।
जो भी निर्णय लेना है स्पष्ट निर्णय ले या तो सरकार गांव जो पूर्व की समय से यथावत अपनी स्थिति में बनी हुई है उन्हें उसी स्थान पर स्थाई करें और खाली पड़ी जमीन उन्हें वापस करें।

जो जमीन उपयोग में राज्य सरकार द्वारा कर लिया गया है उसकी मुआवजा ग्रामीणों को दे अन्यथा आज के बाद इस क्षेत्र में किसी तरह का निर्माण कार्य विस्थापित नहीं होने देंगे।
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष पंकज शाहदेव ने कहा की 2015 में सरकार के साथ कई बिंदुओं पर ग्रामीणों की एक सहमति बनी थी। उसके अनुसार सरकार एक कदम भी नहीं चली जबकि आज तक ग्रामीणों ने किसी प्रकार के निर्माण कार्य या विकास योजनाओं का विरोध नहीं किया।
परंतु सरकार का रवैया रैयत विस्थापितों के प्रति सही नहीं लगती जिसके कारण आज ग्रामीण फिर से सड़क में उतरकर आंदोलन करने को बाध्य हैं और आने वाले समय में रैयत विस्थापितों के द्वारा आंदोलन को तेज करते हुए और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
शाहदेव ने कहा कि विस्थापितों की चार प्रमुख मांग रोजगार, आवास, मुआवजा और खाली पड़ी जमीन की वापसी पर सरकार यथाशीघ्र विस्थापितों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाते हुए जल्द पहल करें।
प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद नगड़ी के सीओ राजेश कुमार को ग्रामीणों ने माननीय मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान महावीर मुंडा, जहाना परवीन, विलियम पहान, सोमनाथ तिर्की, मेघनाथ महतो, लाल तरुण नाथ शाहदेव, विनय उरांव, अनिल महतो, अख्तर हुसैन, बीजू महतो, पूनम देवी, बुलबुल तिर्की, प्रतिमा तिर्की, किरण देवी, सोमवारी मुंडा, किरण देवी, विजय सिंह, धिरजय शाहदेव, मनोज बैठा, हरीश शाहदेव, रोहित बैठा, निशांत सिंहदेव, ऋषि सिंहदेव, रेखा लोहार, प्यारी उरांइन, बुनी मुंडा, कर्मी उरांइन, फूलों देवी, लक्ष्मी देवी, राधिका देवी, प्रीति देवी, अनुज मिर्धा, अनीता तिर्की, कालीचरण लोहार, पार्वती देवी, शीला गाड़ी, बसंती मुंडा, परभाणी देवी, अंजू देवी अंजलि उराइन, बंध्या उरांईन, पुरनी गाड़ी, विनोद लोहार, मार्कुस तिर्की, अर्जुन महतो, ध्रुव सिंह, अजीत मुंडा, रामेश्वर महतो, बरतु मुंडा, दिलीप बैठा, सरजू महतो, करुणा शाहदेव, विकास लोहार, दिनेश लाल गुप्ता, रामाश्रय सिंह, जौहर अंसारी, सलीम अंसारी, संजू महतो, रवि लोहार, अरुणजय शाहदेव, सरबजीत सिंह, आशुतोष शाहदेव, संदीप लोहार, दिवाकर शाहदेव, संजय लोहार, रामेश्वर सिंह, विजय शाहदेव, जयप्रकाश गुप्ता सहित भारी संख्या में महिला और पुरुष शामिल थे।
इसे भी पढ़ें
झारखंड में PSU की 3500 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा, मंत्रालय सख्त