नई दिल्ली, एजेंसियां। ATM से कैश निकालने में आपकी जेब अब और ढीली होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एटीएम संचालकों ने सरकार से इंटरचेंज से मिलने वाली फीस बढ़ाने की मांग की है।
बता दें कि इंटरचेंज फीस वह फीस होती है जो ग्राहक एटीएम से कैश निकालने के लिए देते हैं।
देश में सेवा दे रहे एटीएम संचालकों ने सरकार के साथ रिजर्व बैंक और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI से पत्राचार किया है।
एटीएम संचालकों की मांग को अगर मान लिया जाता है तो इसका सीधा असर एटीएम से होने वाले ट्रांजेक्शन पर पड़ेगा। यानी एटीएम से पैसा निकालना ग्राहकों को मंहगा पड़ेगा।
सभी तरह के ट्रांजेक्शन महंगे हो जायेंगे
जानकारों का कहना है कि एटीएम संचालकों की मांग को स्वीकृति मिलते ही एटीएम से किये जाने वाले सभी तरह के ट्रांजेक्शन महंगे हो जायेंगे।
वित्तीय जानकारों का कहना है कि इससे खाताधारी के अकाउंट से संबंधित बैंक और दूसरे बैंक के एटीएम से ट्रांजेक्शन करने पर अलग-अलग फीस देना होगा, जो पहले से बढ़ा हुआ होगा।
एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान समय में 70 से लेकर 80 फीसद वित्तीय लेनदेन एटीएम के माध्यम से होते हैं।
कितना बढ़ सकता है चार्ज
इस मामले में एटीएम ऑपरेटर्स के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री यानी CATMI ने एक बयान जारी किया है।
संगठन का कहना है कि इंटरचेंज फीस या चार्ज को बढ़ाकर 23 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन किया जाना चाहिए।
दूसरी ओर, एटीएम निर्माता कंपनी AGS ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजीज ने एक बयान में कहा है कि उसने इंटरचेंज फीस को बढ़ाकर 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन करने पर जोर दिया है।
वहीं, देश में सक्रिय अन्य कई ऑपरेटर्स ने 23 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन फीस की वकालत की है। अब देखना है इस मामले में क्या निर्णय लिया जाता है।
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