PM Modi:
मुम्बई, एजेंसियां। मुंबई के पॉश इलाके मालाबार हिल में स्थित मोहम्मद अली जिन्ना का ऐतिहासिक बंगला, जिसे आमतौर पर ‘जिन्ना हाउस’ के नाम से जाना जाता है, अब नए रूप में सामने आने वाला है। केंद्र सरकार ने इस बंगले का जीर्णोद्धार (renovation) करने और इसे एक डिप्लोमैटिक एन्क्लेव (diplomatic enclave) में बदलने का फैसला लिया है। यह बंगला आज़ादी से पहले 1936 में पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना ने बनवाया था। इसका नाम है ‘साउथ कोर्ट’, जो करीब 39,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है।
PM Modi: बंगला का क्या खास बात
इस शानदार बंगले को इटालियन आर्ट डेको स्टाइल में डिज़ाइन किया गया था और इसमें इस्तेमाल होने वाला मार्बल इटली से मंगवाया गया था। इसका डिज़ाइन क्लाउड बैटली ने तैयार किया था, जो उस समय सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स के आर्किटेक्चर विभाग के प्रमुख थे।
साल 2018 में यह बंगला भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) से लेकर विदेश मंत्रालय को सौंप दिया गया था। अब CPWD (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) और सर जेजे कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर इसकी मरम्मत और नवीनीकरण की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। मुंबई हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (MHCC) ने 2023 में इसके जीर्णोद्धार को मंजूरी दी थी।
PM Modi: बंगले को दिया जाएगा नया रूप
प्रस्ताव के अनुसार, इस बंगले को रहने की जगह से बदलकर एक आधिकारिक कार्यालय में तब्दील किया जाएगा। इसमें मरम्मत, गार्डनिंग, प्लास्टरिंग, पेंटिंग, दरवाज़ों और खिड़कियों की मरम्मत, साथ ही भीतर की दीवारें हटाकर स्पेस बढ़ाना शामिल है। यह सारा काम इस बात का ध्यान रखते हुए किया जाएगा कि बंगले की विरासत और ऐतिहासिक महत्व को कोई नुकसान न पहुंचे।
PM Modi: बंगला को लेकर कानूनन लड़ाई
दिलचस्प बात यह है कि जिन्ना की बेटी दीना वाडिया ने 2007 में इस बंगले पर मालिकाना हक के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके निधन के बाद उनके बेटे नुस्ली वाडिया ने इस कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाया है। हालांकि, यह बंगला “निष्कासित संपत्ति” (Evacuee Property) के रूप में दर्ज है क्योंकि जिन्ना भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे।
इस बंगले की वर्तमान कीमत करीब 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा मानी जा रही है। यह न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मुंबई के सबसे महंगे इलाकों में होने के कारण इसकी रियल एस्टेट वैल्यू भी बेहद ऊंची है।
फिलहाल इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए विदेश मंत्रालय की अंतिम मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। एक बार हरी झंडी मिलते ही जिन्ना हाउस अपने नए रूप में भारत की राजनयिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बनेगा।
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