कोलकाता, एजेंसियां। शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदा में जनसभा को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि एक समय था, जब बंगाल पूरे देश के विकास का नेतृत्व करता था, लेकिन पहले लेफ्ट और फिर तृणमूल ने अपने शासन में बंगाल की इस महानता को चोट पहुंचाई।
तृणमूल के राज में बंगाल में एक ही चीज़ चलती है- हजारों करोड़ो के स्कैम, शारदा चीट फंड स्कैम, पशु तस्करी घोटाला, राशन घोटाले, कोयला घोटाले आदि।
घोटाले तृणमूल करती है और भुगतना बंगाल को पड़ता है। यहां कोई काम नहीं है जो बिना कमीशन के होता हो।
पीएम मोदी ने कहा कि तृणमूल और कांग्रेस भले यह दिखावा करते है कि वह एक दूसरे के विरोधी हैं, लेकिन इनका आचार, व्यवहार एक है।
इन दोनों को तुष्टीकरण जोड़कर रखती है। तृणमूल और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि ये सत्ता में हुए तो सीएए हटा देंगे।
सीएए नागरिकता छीनने का नहीं नागरिकता देने का कानून है। तृणमूल लगातार झूठ फैला रही है। तृणमूल युवा समाज को खत्म कर रही है।
उनके लिए शिक्षा के क्षेत्र में इतना भ्रष्टाचार हुआ है कि 26 हजार परिवारों से उनकी खुशियां छीन गयी हैं। आजीविका चली गई।
मां-माटी-मानुष की बात कहकर सत्ता में आई तृणमूल ने सबसे बड़ा विश्वासघात यहां की महिलाओं से ही किया है।
जब BJP सरकार ने मुस्लिम बहनों को अत्याचार से बचाने के लिए तीन तलाक खत्म किया, तो तृणमूल ने इसका विरोध किया।
संदेशखाली में महिलाओं पर इतने अत्याचार हुए और तृणमूल सरकार आखिर तक मुख्य आरोपी को बचाती रही।
मैं केंद्र से बंगाल के विकास के लिए, यहां की सरकार को जो पैसा भेजता हूं, वो तृणमूल के नेता, मंत्री और तोलाबाज मिलकर खा जाते हैं।
तुष्टीकरण की राजनीति में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे। तृणमूल और कांग्रेस को जोड़े रखने का सबसे बड़ा चुंबक है- तुष्टिकरण।
तुष्टिकरण के लिए ये दोनों पार्टियां कुछ भी कर सकती हैं। तुष्टिकरण की खातिर ये लोग देशहित में लिए गए हर निर्णय को वापस पलटना चाहते हैं।
तृणमूल कांग्रेस का शासन घोटालों का पर्याय है, बंगाल में लोगों को हर चीज के लिए ‘कट मनी’ देना पड़ता है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस का सफाया हो गया, दूसरे चरण में भी उनका यही हाल होगा।
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