Dinesh Gop:
रांची। माओवादी संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के सुप्रीमो दिनेश गोप को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। दिनेश गोप पहले से ही पलामू केंद्रीय कारा में बंद है और उसे अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। ईडी की यह कार्रवाई एनआईए द्वारा दर्ज टेरर फंडिंग केस के आधार पर की गई है। एनआईए ने 2023 में दिनेश गोप को नेपाल से गिरफ्तार किया था, और उस पर झारखंड सरकार ने 25 लाख व एनआईए ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
ईडी ने पीएमएलए के तहत
ईडी ने पीएमएलए के तहत इंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की थी और 2023 में उससे दो दिन तक पूछताछ की थी। जांच में सामने आया है कि दिनेश गोप ने लेवी और रंगदारी से करोड़ों की अवैध कमाई की और उसे कई शेल कंपनियों के जरिए निवेश किया। इनमें मेसर्स भाव्या इंजीकान प्राइवेट लिमिटेड, शिव आदि शक्ति मिनरल्स, शक्ति समृद्धि इंफ्रा और पलक इंटरप्राइजेज जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनका संचालन उसकी पत्नियां शकुंतला देवी और गीता, तथा सहयोगी सुमंत कुमार कर रहे थे। इन खातों में करीब 2.5 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है।
एनआईए की जांच में क्या आया सामने ?
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि 2016 में नोटबंदी के दौरान दिनेश गोप के सहयोगी ने 25.38 लाख रुपये पुराने नोट बैंक में जमा कराने की कोशिश की थी, जिससे मामला सामने आया। अब ईडी उसकी संपत्तियों, लेवी नेटवर्क और राजनीतिक संबंधों की भी जांच कर रही है। उसकी जब्त संपत्तियों में रांची के फ्लैट, स्कूल और करीब एक करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति शामिल है। ED का दावा है कि इस गिरफ्तारी से उग्रवादी संगठनों की आर्थिक रीढ़ पर बड़ा प्रहार हुआ है।
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