Pakistan ceasefire Afghanistan:
कतर, एजेंसियां। कतर के दोहा में आयोजित शांति वार्ता के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तुरंत युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति जताई है। यह बैठक तुर्की की मध्यस्थता में हुई और इसका उद्देश्य सीमा पर एक सप्ताह से जारी हिंसक संघर्ष को समाप्त करना है। इस संघर्ष में दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए हैं। कतर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देश आगामी दिनों में और बैठकें आयोजित करेंगे, ताकि युद्धविराम की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके और इसके पालन की निगरानी विश्वसनीय और टिकाऊ तरीके से की जा सके।
दोहा में अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब के नेतृत्व में काबुल प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता में हिस्सा लिया, जबकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने तालिबान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा का नेतृत्व किया। यह वार्ता दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे गंभीर टकराव माना जा रहा है।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर लगाया आरोप
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के मुताबिक, वार्ता का मकसद अफगानिस्तान से पाकिस्तान की सीमा में हमले करने वाले आतंकवादियों पर नियंत्रण पाना और सीमा पर शांति स्थापित करना था। पाकिस्तान ने कहा कि इन आतंकवादियों का उद्देश्य पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकना और सख्त इस्लामी शासन लागू करना है।
तालिबान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए आतंकवादियों को पनाह देने से इनकार किया और पाकिस्तान पर अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए गलत सूचना फैलाने और इस्लामिक स्टेट से जुड़े समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाया। इसके बावजूद, दोनों देशों ने युद्धविराम पर तुरंत सहमति जताकर तनाव कम करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
विशेषज्ञों का कहना
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सीजफायर दक्षिण एशिया में स्थिरता और क्षेत्रीय शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसे टिकाऊ बनाने के लिए दोनों पक्षों को कड़े निगरानी और विश्वास निर्माण उपाय अपनाने होंगे।
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