Tuesday, June 24, 2025

सिरमटोली रैंप विवाद पर सीएम हेमंत सदन में बोले- किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं [On the Sirmatoli ramp dispute, CM Hemant said in the House – no one needs to worry]

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के सिरमटोली स्थित सरना स्थल पर शांतिपूर्ण एवं हर्षोल्लास के साथ सरहुल महोत्सव मनाये जाने की बात कही है। उन्होंने आज सदन में कहा कि विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा फ्लाईओवर के रैंप का विरोध किये जाने की जानकारी उन्हें मिली है। उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है।

चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरहुल महोत्सव शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री मंगलवार को प्रश्न कल के दौरान भाजपा विधायक सीपी सिंह ने फ्लाई ओवर के ढलान को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों के विरोध पर मुख्यमंत्री का पक्ष जानना चाहा था।इसी पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया।

कई संगठन कर रहे विरोधः

सरना स्थल के पास फ्लाईओवर का रैंप बनाए जाने से कई सामाजिक संगठन नाराज हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। 17 मार्च को विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। इसके विरोध में कई संगठनों ने 22 मार्च को रांची बंद बुलाया है।

29 विधायकों का पुतला दहन किया गयाः

सिरमटोली सरना स्थल के समक्ष रैंप निर्माण के विरोध में आदिवासी संगठनों और आदिवासी समुदाय के लोगों ने शवयात्रा निकाली। शव यात्रा सिरमटोली सरना स्थल से निकल कर क्लब रोड, सुजाता चौक, मेन रोड होते हुए अलबर्ट एक्का चौक पहुंची, जहां पुतला दहन किया गया। एक प्रदर्शनकारी ने अपना सिर भी मुंडवाया लिया, जिसने पुतलों में आग लगायी। साथ ही 22 को रांची बंद का नारा लगाया गया। विरोध प्रदर्शन की वजह से अलबर्ट एक्का चौक पर जाम लग गया था।

2 माह से चल रहा आंदोलनः

आदिवासी संगठनों के लोगों ने कहा कि दो-ढाई माह से लगातार आंदोलन चल रहा है, पर सभी आदिवासी नेता खामोश हैं। सिरमटोली सरना स्थल सरहुल की शोभायात्रा का केंद्र है। रैंप निर्माण से शोभायात्रा पर असर पड़ेग। उन्होंने कहा कि रांची के विधायक सीपी सिंह, सांसद संजय सेठ भी कुछ नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनका भी पुतला दहन किया जा रहा है। रैंप निर्माण के विरोध में 22 मार्च को रांची बंद रहेगा।

सरना स्थल पर उतारा गया है रैंपः

सिरमटोली मेकॉन फ्लाई ओवर का रैंप मुख्य सरना स्थल के द्वार पर उतार दिया गया है, जो आदिवासी समुदाय के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इसीलिए रैंप को हटाने की मांग की जा रही है। 1 अप्रैल को आदिवासियों के प्रमुख पर्व सरहुल है। तमाम गांव, मोहल्ला, टोलों से निकलने वाली शोभायात्रा और जुलूस इस सरना स्थल पर पहुंचेंगे। लोगों का कहना है कि रैंप की वजह से सरहुल पर्व के दिन बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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