Omprakash Rajbhar:
लखनऊ, एजेंसियां। सरकार में पंचायती राज और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इटावा में कथावाचक के साथ मारपीट की घटना पर एक बड़ा और विवादित बयान दिया है। उन्होंने यादव समाज पर आरोप लगाया कि वे ब्राह्मणों का पारंपरिक “हक” छीन रहे हैं।
Omprakash Rajbhar: क्या कहा मंत्री राजभर ने?
एनडीटीवी से खास बातचीत में ओमप्रकाश राजभर ने कहा: “यादवों का कार्य दूध दुहना है और ब्राह्मणों का कार्य कथा वाचन। जब एक जाति दूसरी जाति का कार्य छीनने लगेगी तो विवाद होगा ही।” उन्होंने कथावाचक के साथ हुई मारपीट की निंदा की, लेकिन साथ ही यह तर्क भी दिया कि ब्राह्मणों के पारंपरिक कार्य में हस्तक्षेप विवाद का कारण बनता है।
Omprakash Rajbhar: वर्ण व्यवस्था का संदर्भ:
राजभर ने कहा कि भारतीय परंपरा और वर्ण व्यवस्था के अनुसार हर जाति का एक निश्चित कार्य है। यादवों का मुख्य कार्य दूध दुहना माना गया है, जबकि धार्मिक कथा और पूजा-पाठ ब्राह्मणों का अधिकार क्षेत्र है। ऐसे में जब यादव कथावाचक बनकर मंच पर बैठेंगे, तो असंतोष पैदा होना स्वाभाविक है।
Omprakash Rajbhar: ओबीसी सूची से बाहर करने की मांग:
राजभर ने न सिर्फ यादवों बल्कि जाट, कुर्मी और सुनार जातियों को भी ओबीसी सूची से बाहर करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि ये जातियां अब सामाजिक रूप से इतनी आगे निकल चुकी हैं कि इन्हें पिछड़ा वर्ग में रखना उचित नहीं है।
Omprakash Rajbhar: समाजवादी पार्टी पर निशाना:
राजभर ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि: “जब यादवों पर हमला होता है, तो सपा उनके साथ खड़ी नजर आती है। लेकिन जब मुसलमानों पर अत्याचार होता है, तब पार्टी चुप्पी साध लेती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सपा केवल अपने ‘कोर वोट बैंक’ को खुश रखने के लिए दोहरा रवैया अपनाती है।
Omprakash Rajbhar: क्या है मामला ?
हाल ही में इटावा में एक कथावाचक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर यादव समुदाय के व्यक्ति के साथ ब्राह्मण कथावाचक के बीच झगड़ा हुआ था। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक और जातीय बहस को जन्म दे दिया है।
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