नयी दिल्ली: राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) विभिन्न राज्यों में आदिवासी और वंचित युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के साथ गठजोड़ करेगा। एनएसडीसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इसका प्राथमिक उद्देश्य आदिवासी युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले अन्य समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर ध्यान देने के साथ ‘इको’ गांवों और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
इस साझेदारी के तहत इस्कॉन महाराष्ट्र के पालघर और गढ़चिरौली जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों के आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक पाकशाला संबंधी स्कूल की स्थापना करेगा।
विशेष रूप से प्रशिक्षित व्यक्तियों को 2025 में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ के दौरान रसोईघर में काम करने का मौका देगा।
इस साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य इको विलेज और ट्रेनिंग सेंटरों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है।
इसके तहत पहले प्रोजेक्ट का लक्ष्य नंदुरबार (महाराष्ट्र), जयपुर ग्रामीण (राजस्थान) और मंडला और बालाघाट (मध्य प्रदेश) जिसमें कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र भी शामिल हैं, जैसे क्षेत्रों में समान आत्मनिर्भर और टिकाऊ प्रतिष्ठान स्थापित करके महाराष्ट्र के पालघर के गोवर्धन इको विलेज (जीईवी) जैसी सफलता को दोहराना है।
दूसरा प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कौशल विकास विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी, रीटेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इस्कॉन के साथ साझेदारी में इंडिया स्किल सेंटरों की स्थापना करके यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल से मजबूत करेगी।
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