Nirmala Sitharaman:
नई दिल्ली, एजेंसियां। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में नया संशोधित इनकम टैक्स बिल पेश किया, जो पुराने 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने का आधार बनेगा। सरकार ने फरवरी में पेश किए गए बिल को वापस लेकर यह नया मसौदा तैयार किया है, जिसमें संसदीय चयन समिति की अधिकांश सिफारिशें शामिल की गई हैं।
सबसे बड़ी राहत:
12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स छूट बरकरार रखी गई है, यानी ये सुविधा खत्म नहीं हुई।
बिल में शब्दों के मिलान, क्रॉस-रेफरेंसिंग, ड्राफ्टिंग की त्रुटियों को ठीक किया गया है ताकि कानून में स्पष्टता आए।
चयन समिति की प्रमुख सिफारिशें:
संपत्ति के वार्षिक मूल्य और हाउस प्रॉपर्टी आय से जुड़ी कटौतियों में सुधार।
कम्यूटेड पेंशन पर कटौती की अनुमति।
अस्थायी खाली पड़ी व्यावसायिक संपत्तियों पर टैक्स में बदलाव।
फरवरी बिल के मुख्य बिंदु:
आसान भाषा और कटौतियों का समेकन।
पेनाल्टी कम करना ताकि कर प्रणाली करदाताओं के लिए सरल और अनुकूल हो।
टैक्स स्लैब या कैपिटल गेन नियमों में कोई बदलाव नहीं।
“पहले भरोसा, बाद में जांच” के सिद्धांत से मुकदमेबाजी में कमी।
डिजिटल निगरानी और आधुनिक प्रशासन के लिए प्रावधान।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पुराने बिल को भ्रम से बचने के लिए वापस लिया गया और नया बिल अब आयकर कानून में सुधार का आधार बनेगा। यह संशोधित बिल लोकसभा में पारित भी हो गया है और अब इसे राज्यसभा में विचार के लिए भेजा जाएगा।
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