Nexa DS syrup:
शिमला, एजेंसियां। हिमाचल प्रदेश के बद्दी में बनी नेक्सा डीएस कफ सिरप को लेकर आई जांच रिपोर्ट ने राहत दी है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में नौ बच्चों की मौत के बाद संदेह के आधार पर इस सिरप के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जांच में पाया गया कि बच्चों की मौत नेक्सा डीएस सिरप से नहीं हुई है। रिपोर्ट में सिरप के सभी सैंपल मानकों पर खरे उतरे हैं। इसके बाद हिमाचल प्रदेश के ड्रग विभाग ने उत्पादन पर लगी रोक हटा ली है।
नौ बच्चों की मौत
बता दें छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में 7 सितंबर से अब तक नौ बच्चों की मौत हो चुकी है। परिजनों ने बताया था कि बच्चों को बुखार और जुकाम होने के बाद किडनी में संक्रमण हुआ और इलाज के बावजूद वे बच नहीं सके। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु की दवाओं की जांच कराई। जिन सिरप का इस्तेमाल बच्चों को किया गया था, उनमें बद्दी की नेक्सा डीएस सिरप और तमिलनाडु की कोल्ड्रिफ कफ सिरप शामिल थीं।
ड्रग विभाग की जांच
मध्य प्रदेश ड्रग विभाग की जांच में नेक्सा डीएस सिरप पूरी तरह सुरक्षित पाया गया। जांच में एथिलीन ग्लाइकॉल और डाइएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले रासायनिक तत्व नहीं मिले। हिमाचल प्रदेश के राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने बताया कि नेक्सा डीएस सिरप को जांच में क्लीन चिट मिल गई है। उन्होंने कहा कि नेक्सा डीएस के सैंपल मानकों पर खरे उतरे हैं और यह बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं है।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप जांच में फेल
हालांकि, तमिलनाडु की कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। रिपोर्ट में इस दवा को मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया, जिसके चलते इसे बच्चों की मौत से जुड़ा मुख्य कारण माना जा रहा है। हिमाचल सरकार ने राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप के उपयोग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सभी दवा दुकानों और अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि इस सिरप का इस्तेमाल तुरंत बंद किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग ने हिमाचल में एहतियात के तौर पर बद्दी स्थित पांच कंपनियों और दवा विक्रेताओं से कफ सिरप के सैंपल लिए थे। राज्य और केंद्र की स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा की निगरानी में जांच की। सभी सैंपल मानकों पर सही पाए गए हैं। एम. सुधा ने बताया कि मध्य प्रदेश में भी बद्दी की दवा के सैंपल सुरक्षित पाए गए हैं। सोमवार को इस पूरे मामले पर सरकारी स्तर पर बैठक बुलाई गई है ताकि आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जा सके।
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