Gujarat cabinet:
गांधीनगर, एजेंसियां। गुजरात में शुक्रवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से भाजपा ने 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। नए मंत्रियों में राज्य के सभी क्षेत्रों कच्छ-सौराष्ट्र, उत्तरी और दक्षिणी गुजरात को प्रतिनिधित्व देकर क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश की गई है। पार्टी ने आदिवासी, पाटीदार और अन्य प्रभावशाली वर्गों को शामिल कर आगामी चुनावों में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बनाई है।
विशेष रूप से मंत्रिमंडल विस्तार में चार आदिवासी नेताओं पीसी बरंडा, रमेशभाई कटारा, जयराम चेमाभाई गामित और नरेशभाई पटेल को शामिल किया गया है, ताकि आदिवासी belt में पार्टी का प्रभाव बढ़े। किसानों और पाटीदार वर्ग को साधने के लिए भी नए उपाय किए गए हैं। पूर्व कांग्रेस नेता अर्जुन भाई मोडवाडिया को मंत्रिमंडल में शामिल करना किसानों के समर्थन को मजबूत करने का हिस्सा माना जा रहा है।
नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी
नई मंत्रिपरिषद में केंद्रीय नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। भाजपा ने गुटबाजी को रोकने के लिए स्थानीय प्रभावशाली नेताओं के करीबी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया। हर्ष सांघवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, जबकि नए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा भी रणनीतिक रूप से अहम भूमिका में हैं।
क्षेत्रीय संतुलन को साधते हुए सौराष्ट्र-कच्छ से 9 मंत्री बनाए गए हैं, जबकि मध्य गुजरात से 5 और दक्षिण गुजरात से भी कई नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। इस विस्तार से भाजपा का मकसद न केवल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के दांव कमजोर करना है, बल्कि पार्टी नेतृत्व में अमित शाह की पकड़ और भी मजबूत करना भी है।
राज्य की राजनीति
राज्य की राजनीति में यह मंत्रिमंडल विस्तार आगामी विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने वाला कदम माना जा रहा है, जिसमें सभी वर्गों और क्षेत्रों के नेताओं को संतुलित रूप से शामिल किया गया है। इससे भाजपा को आगामी चुनाव में बेहतर चुनावी रणनीति बनाने और विपक्ष के दावों को चुनौती देने में मदद मिलेगी।
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