New Delhi:
नई दिल्ली,एजेंसियां। भारत और फ्रांस के बीच 63,000 करोड़ रुपये की एक बड़ी रक्षा डील हुई है, जिसके तहत भारतीय नौसेना को 26 राफेल मरीन फाइटर जेट मिलेंगे। इस डील को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने मंजूरी दे दी है, और यह समझौता जल्द ही साइन किया जाएगा। इन विमानों का तैनाती भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर की जाएगी, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत में और इजाफा होगा।
New Delhi: किन बातो पर हो रही समझौते ?
कुल विमान: 26 (22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर)
कुल लागत: 63,000 करोड़ रुपये से अधिक
तैनाती: INS विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर पर
राफेल एम जेट की पहली डिलीवरी 2029 के अंत तक होने की उम्मीद है, और 2031 तक सभी विमान भारतीय नौसेना को मिल जाएंगे।
ये विमान पुराने मिग-29के लड़ाकू विमानों को रिप्लेस करेंगे।
इस डील के अंतर्गत फ्रांस सरकार के साथ जेट की देखभाल, लॉजिस्टिक सपोर्ट, और नौसेना कर्मियों को ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया भी शामिल होगी। भारतीय नौसेना के जवानों को राफेल एम उड़ाने और संभालने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
New Delhi: राफेल एम जेट की खासियत:
यह जेट विशेष रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने और उतरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें मजबूत लैंडिंग गियर, अरेस्टर हुक्स और एसटीओबीएआर तकनीक शामिल है, जो जेट को कम दूरी से उड़ान भरने और जल्दी लैंड करने में मदद करती है।
राफेल एम जेट मेटियोर, एक्सोसेट और एससीएएलपी जैसी एडवांस मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं, जो उनकी युद्ध क्षमता को और भी मजबूत बनाती हैं।
इसमें AESA रडार (Active Electronically Scanned Array) है, जो दुश्मन को जल्दी और सटीक तरीके से पहचानने में मदद करता है।
SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, जो जेट को दुश्मन के हमले से बचाने में मदद करता है।
राफेल एम जेट की लड़ाकू रेंज 1,850 किलोमीटर से अधिक है और यह मिड-एयर में ईंधन भरने की सुविधा के साथ लंबी दूरी तक मिशन कर सकता है।
यह सौदा भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, और इस प्रकार भारत की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
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