NEET 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG 2025 के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। याचिका एक छात्र शिवम गांधी रैना द्वारा दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि NEET परीक्षा 2025 के एक प्रश्न में एक से अधिक विकल्प सही थे, जिससे उसके अंक और रैंक प्रभावित हुई है। छात्र का कहना था कि अगर उस प्रश्न में उसके उत्तर को सही माना जाए, तो उसे 5 अतिरिक्त अंक मिलेंगे, जिससे उसकी ऑल इंडिया रैंक 6783 से बेहतर होकर सीट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
NEET 2025:जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ
हालांकि, जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि एक अखिल भारतीय परीक्षा में हस्तक्षेप करने से पूरे देश के लाखों छात्रों पर असर पड़ेगा। कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता की बात में दम हो सकता है, लेकिन न्यायिक दखल का परिणाम राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक हो सकता है, इसलिए इसमें हस्तक्षेप करना उपयुक्त नहीं होगा।
NEET 2025:वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रमण्यम ने दलील दी
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रमण्यम ने दलील दी कि 2024 में भी सुप्रीम कोर्ट ने NEET के रिजल्ट में हस्तक्षेप किया था और IIT दिल्ली के विशेषज्ञों से कुछ सवालों पर राय लेकर उत्तर कुंजी संशोधित करवाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उस समय परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें थीं, जबकि इस बार मामला केवल एक छात्र से जुड़ा है।
अदालत के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि व्यक्तिगत आपत्तियों के आधार पर राष्ट्रीय परीक्षा परिणाम में हस्तक्षेप करना न्यायिक रूप से स्वीकार्य नहीं है जब तक कोई प्रणालीगत गड़बड़ी प्रमाणित न हो।
इसे भी पढ़ें
UGC में बड़ा बदलाव: प्रोफेसर जगदीश कुमार के बाद विनीत जोशी को मिली कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी