Natural Calamity: प्राकृतिक आपदाओं के नाम
प्राकृतिक आपदा को जानें, तो बचा सकते हैं जिंदगियां
अभी दुबई खाड़ी देश और पाकिस्तान बाढ़ से परेशान हैं। यहां दो दिन में ही दो साल की बारिश हो गई है।
इसके कारण काफी जान माल की क्षति पहुंची है। दरअसल, ये इलाके ऐसे हैं, जहां आमतौर पर बारिश काफी कम होती है।
साथ ही दो दिन में दो साल के बराबर की बारिश तो किसी भी क्षेत्र को तबाह कर सकती है। यही कारण है अत्य़धिक बारिश से उत्पन्न इस बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है और 100 से ज्यादा जानें गई हैं।
जान माल का काफी नुकसान हुआ है। दरअसल, प्राकृतिक आपदा विनाशकारी घटनाएं हैं, जो पृथ्वी पर होने वाली किसी भी प्राकृतिक घटना के कारण होती हैं।
इनमें भूकंप, सुनामी और यहां तक कि बाढ़ और तूफान भी शामिल हो सकते हैं। एक प्राकृतिक आपदा “प्राकृतिक खतरे की वास्तविक घटना के बाद होने वाला नकारात्मक प्रभाव है, जो किसी समुदाय को महत्वपूर्ण रूप से नुकसान पहुंचाता है।
एक प्राकृतिक आपदा से जानमाल की हानि हो सकती है या संपत्ति को नुकसान हो सकता है और आम तौर पर इसके परिणामस्वरूप कुछ आर्थिक क्षति होती है।
प्राकृतिक आपदाओं के प्रकारः
प्राकृतिक आपदाएं विभिन्न प्रकार की होती हैं। यहां हम कुछ ऐसी आपदाओं का जिक्र कर रहे हैं, जिनके बारे में अक्सर ही सुनने पढ़ने को मिलता है या जिनसे सामना भी हो जाता है।
• सुनामी
• बाढ़
• सूखा
• आंधी-तूफान
• शीत लहरी
• चक्रवात
• यक्ष्मा
• भूकंप
सुनामीः
सुनामी एक शक्तिशाली लहर है, जो भूकंप के कारण समुद्र के अंदर उत्पन्न होती है। ऐसा तब होता है जब समुद्र के पास या नीचे कोई तेज़ भूकंप आता है।
इसी वजह से सुनामी आती है, जिससे कई जिंदगियां तबाह हो जाती हैं। साल 2004 में 26 दिसंबर को आया सुनामी अब रोंगटे खड़ा कर देता है।
जब भारत, श्रीलंका, मलेशिया और जापान समेत कई देशों में इसने तबाही मचाई थी और हजारों जानें चली गई थीं। इस तबाही के अवशेष भारत समेत की जगहों पर आज भी दिखाई देते हैं।
बाढ़ः
बाढ़ के दौरान पानी का अतिप्रवाह होता है। इससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और कभी-कभी पानी का स्तर अनियंत्रित होने पर मौत भी हो जाती है।
अधिक बारिश और पानी के रिसाव के बाद ऐसा हो सकता है। आम तौर पर जब बरसात के दिनों में नदियां उफनाती हैं, तो ज्यादा प्रलयंकारी बाढ़ आती है।
ज्यादा बारिश होने पर भी बाढ़ तबाही मचाती है। अभी दुबई और खाड़ी देश बाढ़ की चपेट में हैं। इसमें अब तक 100 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं।
सूखाः
सूखा पानी की मौजूदगी के बिना एक गंभीर स्थिति है। यह स्थिति पानी के बिना लंबे समय तक शुष्क रहने के कारण उत्पन्न होती है।
ऐसा उच्च तापमान और अत्यधिक मौसम के कारण हो सकता है। चूंकि पानी जीवित प्राणियों की मूलभूत आवश्यकता है, इसलिए लोग इस स्थिति के कारण मरने लगते हैं।
कई अफ्रीकी देश अक्सर ही इस आपदा का सामना करते रहते हैं। भारत में भी जिस साल बारिश कम होती है, तब ऐसे में कई क्षेत्र सूखे की चपेट में आ जाते हैं।
आंधी-तूफानः
आंधी और तूफान तेज़ हवाओं और भारी वर्षा के कारण वातावरण में होने वाली अशांति है। इसके अलावा आकाशीय बिजली भी गिरेगी. तूफान बेकाबू हो सकते हैं और जीवित प्राणियों की मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
आंधी और तूफान के कारण घर, मुहल्ले और शहर तक तबाह हो जाते हैं। भारत के तटीय इलाकों में होने वाली यह एक नियमित आपदा है, जो साल में एक या दो बार तबाही जरूर मचाती है।
शीत लहरीः
शीत लहरी कुछ प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण, कभी-कभी क्षेत्र और आसपास में ठंडी हवा विकसित होती है।
इसके कारण ठंड का मौसम असहनीय हो जाता है और जीव-जंतुओं के जीवन पर असर डालने लगता है।
शीत लहरी भारत के उत्तरी इलाकों में आम समस्या है। हर साल हिमालय की ओर से आने वाली हवाएं शीत लहरी का कारण बनती हैं, जिससे कई जानें जाती हैं।
शीत लहरी के कारण फसलों को भी नुकसान पहुंचता है। शीत लहरी के समय में उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में एक-दो माह के लिए जिंदगी थम जाती है।
शीत लहरी के कारण होने वाले कुहासे रेल और सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं।
चक्रवातः
चक्रवात तब घटित होता है जब गर्म हवा समुद्र के ऊपर उठती है । चूंकि हवा ऊपर की ओर बढ़ती है, इसलिए नीचे निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाता है।
जैसे ही कम दबाव वाला क्षेत्र पूरी तरह से उच्च दबाव वाली हवा से भर जाता है, ठंडी हवा समुद्र के ऊपर गर्म हो जाती है और ऊपर की ओर बढ़ने लगती है।
इस चक्रवात के कारण हवा की गति तेज हो जाती है। इससे तूफान पैदा होता है। यह आंधी का रूप लेकर भयंकर तबाही मचाता है। खास तौर पर यह समुद्र के तटीय इलाकों में तबाही मचाता है।
भूकंपः
भूकंप पृथ्वी का अचानक हिलना है। यह केवल अल्प अवधि के लिए होता है। इस दौरान पृथ्वी की पपड़ी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाती है।
यह भी सुनामी की तरह ही तबाही मचाता है। जब धरती हिलती है, तब भूकंप आता है और इसमें जान माल का काफी नुकसान होता है।
बड़ी बड़ी इमारते देखते ही देखते धराशायी हो जाती हैं। इसमें भी कई जानें जाती हैं। दरअसल सुनामी का भी मूल कारण भूकंप ही होता है। जापान एक ऐसा देश है, जहां प्रायः ही भूकंप आते रहते हैं।
बिना पूर्व चेतावनी के आती हैं प्राकृतिक आपदाएः
प्राकृतिक आपदाएं कभी-कभी बिना किसी पूर्व चेतावनी या संकेत के घटित होती हैं। तीव्रता स्थिति-दर-स्थिति, स्थान और आपदा के प्रकार के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है।
यह विनाश मानव जीवन के लिए जानलेवा और जोखिम भरा भी हो सकता है। किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाना बहुत जरूरी है।
प्राकृतिक आपदाओं से दुनिया का कोई देश अछूता नहीं है। यह अलग बात है कि भौगोलिक स्थिति के अनुसार सभी जगह अलग-अलग तरह आपदाएं आती हैं।
आम तौर पर तूफान आदि की चेतावनी मौसम विभाग पहले ही दे देते हैं, जिससे जान माल का नुकसान कम हो जाता है।
वहीं, शीत लहरी जैसी आपदा के बारे में संबंधित क्षेत्र के लोगों को पता होता है कि यह आपदा आ सकती है या बाढ़ को भी लेकर संबंधित लोग अलर्ट रहते हैं।
इससे भी कुछ हद तक जान माल का नुकसान कम हो पाता है। परंतु भूकंप और सुनामी जैसी आपदाओं का पूर्वानुमान लगा पाना मुश्किल है, जिसकी वजह से ज्यादा तबाही मचती है।
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