रांची। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बड़ा ही महत्व है, हर महीने आने वाली पूर्णिमा महीने के अनुसार अलग – अलग तरह से मनाई जाती है।
फिलहाल, आषाढ़ माह चल रहा है और इस महीने की पूर्णिमा का इंतजार सालभर रहता है। दरअसल, इस दिन देशभर में गुरुपूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।
पुराणों के अनुसार, इस दिन वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था और इसलिए सदियों से गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन की परंपरा का निर्वाहन किया जाता हैं।
आज मनाया जा रहा गुरू पर्व गुरु पूर्णिमा
साल 2024 में यह पर्व 21 जुलाई रविवार को मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर स्नान-दान और गुरू का आशीर्वाद प्राप्त करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
शुभ मुहूर्त
आषाढ़ महीने में पूर्णिमा 20 जुलाई शनिवार की शाम 05 बजकर 59 मिनट से शुरू हो चुकी है।
वहीं इसका समापन 21 जुलाई रविवार दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक होगा। ज्योतिष आचार्य के अनुसार, इस पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो कि सुबह 5 बजकर 57 मिनट से पूरे दिन रहेगा।
इस विधि से करें पूजा
- सुबह सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।
- इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- इसके बाद पूजा स्थल पर बैठकर भगवान विष्णु और वेद व्यास जी को नमन करें।
- उन्हें फूल, धूप, दीप, अक्षत, हल्दी आदि चीजें अर्पित करें।
- फल, मिठाई और खीर आदि चीजों का भोग लगाएं।
- इसके बाद दीपक जलाकर आरती करें।
- गुरु चालीसा और गुरू कवच का पाठ करें।
- इस दिन श्रद्धा अनुसार गरीबों को अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
इसे भी पढ़ें