दिनांक – 8 अप्रैल 2024
दिन – सोमवार
विक्रम संवत् – 2080
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – चैत्र
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या रात्रि 11.50 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद सुबह 10.12 तक तत्पश्चात रेवती
योग इंद्र शाम 06:14 तक तत्पश्चात वैधृति
राहु काल – सुबह 08:00 से 09:33 तक
सूर्योदय – 06:26
सूर्यास्त – 06:54
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:54 से 05:40 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:15 से दोपहर 01:05 तक
निशिता मुहूर्त- रात्रि 00.17 अप्रैल 09 से रात्रि 01.03 अप्रैल 09 तक
व्रत पर्व विवरण- सोमवती दर्श अमावस्या
विशेष –
अमावस्या के दिन फूल, पत्ती, टहनी आदि तोड़ना व स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।
सोमवती दर्श अमावस्या : 8 अप्रैल 2024
1. जिनको पैसो की कमजोरी है वह तुलसी माता की 108 प्रदिक्षणा करें । और श्री हरि…, श्री हरि…, श्री हरि…, मंत्र जप करें । ‘श्री’ माना सम्पदा, ‘हरि’ माना भगवान की दया पाना । तो गरीबी चली जायेगी । – पूज्य बापूजी
2. इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है ।
3. इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है । 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है । प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं । बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं । ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है ।
4. सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है ।
5. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)
6. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)
7. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।
अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें ।
आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।
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