Shubhanshu Shukla:
बेंगलुरु, एजेंसियां। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 10 जून को Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाएंगे। वह पहले भारतीय नागरिक होंगे जो ISS तक पहुंचेंगे, जिससे भारत के अंतरिक्ष अभियान में एक नया ऐतिहासिक अध्याय जुड़ जाएगा।
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force – IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Group Captain Shubhanshu Shukla) बुधवार, 11 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station – ISS) की यात्रा पर रवाना होंगे। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय नागरिक बनेंगे। यह ऐतिहासिक उड़ान इलॉन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) की फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9) से Axiom Mission 4 (Ax-4) के तहत की जाएगी, जो न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक मील का पत्थर साबित होगी।
Shubhanshu Shukla: कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
अक्टूबर 1985 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला बचपन से ही उड़ानों के प्रति आकर्षित थे। 1999 के कारगिल युद्ध (1999 Kargil War) से प्रेरित होकर उन्होंने खुद ही UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की NDA परीक्षा पास की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की। शुक्ला की पत्नी डॉ. कामना शुक्ला एक डेंटिस्ट हैं और उनके एक चार वर्षीय बेटे के माता-पिता हैं।
उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं और माता आशा शुक्ला गृहिणी हैं। उनके दो बड़ी बहनें हैं — निधि और सुचि। शुक्ला को व्यायाम और विज्ञान से जुड़े लेख पढ़ना पसंद है। हाल में उन्होंने ज्योतिष में भी रुचि लेनी शुरू की है, हालांकि वह खुद को अज्ञेयवादी मानते हैं।
Shubhanshu Shukla: भारतीय वायु सेना में शानदार करियरः
शुक्ला जून 2006 में भारतीय वायु सेना में कमीशंड हुए। 2024 तक वह ग्रुप कैप्टन के पद तक पहुंच चुके थे। उनके पास 2,000 से अधिक घंटों का उड़ान अनुभव है और उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier 228 और An-32 जैसे कई विमानों को उड़ाया है। वह एक कुशल टेस्ट पायलट और कॉम्बैट लीडर भी हैं।
Shubhanshu Shukla: Axiom मिशन 4: भारत के लिए ऐतिहासिक पलः
Ax-4 एक निजी स्पेस मिशन है जो NASA (National Aeronautics and Space Administration), SpaceX और Axiom Space के सहयोग से संचालित हो रहा है। इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे और इसका नेतृत्व पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन करेंगी। शुक्ला इस मिशन के पायलट के रूप में कार्य करेंगे। मिशन के तहत सभी यात्री ISS पर 14 दिन तक अनुसंधान, शैक्षिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में भाग लेंगे। गगनयान से ISS तक का सफर 2019 में शुभांशु शुक्ला को इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) द्वारा भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया था। उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त किया और बाद में बेंगलुरु के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में उन्नत प्रशिक्षण लिया।
फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उन्हें गगनयान के चार अंतरिक्ष यात्री नामितों में से एक घोषित किया। Ax-4 मिशन के लिए शुक्ला ने NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी (JAXA) के साथ गहन प्रशिक्षण लिया। उन्होंने जर्मनी के कोलोन स्थित ESA Astronaut Centre में ISS के कोलंबस मॉड्यूल में प्रशिक्षण प्राप्त किया, वहीं जापान के Tsukuba Space Center में किबो मॉड्यूल से जुड़ी तकनीकी जानकारी हासिल की। राकेश
Shubhanshu Shukla: शर्मा की विरासत को आगे बढ़ाते हुएः
राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) के बाद शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय नागरिक होंगे जो अंतरिक्ष में जाएंगे, लेकिन वह पहले भारतीय होंगे जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचेंगे। राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान Soyuz T-11 से उड़ान भरी थी। Ax-4 मिशन के साथ भारत, ISRO (Indian Space Research Organisation), NASA और निजी स्पेस कंपनियों के सहयोग से अंतरिक्ष की नई संभावनाएं तलाशने जा रहा है।
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