PM Narendra Modi :
नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जैन धर्म ने भारत की पहचान स्थापित करने में एक अनमोल भूमिका निभाई है और इसके मूल्य आतंकवाद, युद्ध, और पर्यावरण संरक्षण जैसी वैश्विक चुनौतियों से पार पाने में मदद कर सकते हैं। मोदी ने ‘नवकार महामंत्र दिवस’ के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस प्राचीन धर्म की विरासत और शिक्षाओं के संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
PM Narendra Modi: जैन धर्म और इसके सिद्धांतों का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर जैन धर्म के सिद्धांतों की सराहना करते हुए कहा कि तीर्थंकरों की शिक्षाओं और मूर्तियों के माध्यम से इस धर्म का प्रभाव संसद भवन पर भी दिखता है। मोदी ने ‘अनेकांतवाद’ के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया को इसकी बहुत आवश्यकता है, क्योंकि यह विभिन्न दृष्टिकोणों की सराहना करने का संदेश देता है। ‘अनेकांतवाद’ जैन धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत है, जो यह मानता है कि अंतिम सत्य को कई तरीकों से देखा जा सकता है।
PM Narendra Modi: जैन धर्म और पर्यावरण संरक्षण
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैन धर्म में जीवन की पारस्परिक निर्भरता को विशेष महत्व दिया जाता है। यही कारण है कि जैन धर्म में हिंसा पर भी कड़ी रोक लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि यह शांति, सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे अच्छे सबक प्रदान करता है।
मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज की सबसे बड़ी चुनौती है और इसका समाधान एक स्थायी जीवनशैली में छिपा है, जिसे जैन समुदाय सदियों से पालन करता आ रहा है। यह जीवनशैली भारत के मिशन लाइफ (पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली) से पूरी तरह मेल खाती है।
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