अगले हफ्ते संसद में पेश हो सकता है
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को मंजूरी दी है। सूत्रों के मुताबिक, इसे अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है। इसके बाद बिल चर्चा के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेजा जाएगा, ताकि इस पर आम सहमति बन सके।
बिल में लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव है। ये पास हुआ तो 2029 तक देशभर में एक साथ चुनाव होंगे।
क्या ये देश में पहली बार होगा:
नहीं, आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। इसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।
विपक्ष ने बिल का विरोध किया:
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमारे सांसद इस क्रूर कानून का पूरी ताकत से विरोध करेंगे, बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे नहीं झुकेगा।’ वहीं सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा, ‘एक देश- एक चुनाव’ लोकतंत्र के खिलाफ बहुत बड़ा षड्यंत्र है। सत्ता पक्ष एक साथ पूरे देश पर कब्जा करना चाहता है।’
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