National Education Policy:
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के लागू होने के बाद शिक्षा क्षेत्र में आए महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि NEP के तहत अब बच्चों को स्कूली शिक्षा के बाद कहीं भटकना नहीं पड़ेगा और उनकी मानसिक विकास, स्किल ओरिएंटेशन और रोजगार के अवसरों पर खास ध्यान दिया जाएगा।
National Education Policy: शिक्षा मंत्री ने कहा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत में शिक्षा क्षेत्र में कई चुनौतियां रही हैं, जिनमें ड्रॉपआउट सबसे बड़ी समस्या है। लगभग 40% बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं, इसलिए नई नीति के तहत कक्षा KG से 12वीं तक सभी छात्रों को एक न्यूनतम स्तर की समझ विकसित करनी होगी।
National Education Policy: NEP की बड़ी खासियत
NEP की एक बड़ी खासियत यह है कि अब बच्चों की शुरुआती शिक्षा उनकी मातृभाषा में होगी। कक्षा 1 से 5 तक बच्चों को दो भाषाओं में पढ़ाया जाएगा, जिसमें एक मातृभाषा होगी और दूसरी भाषा वे अपनी पसंद से चुन सकेंगे। इससे बच्चों की बुनियादी समझ मजबूत होगी। शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि अब शिक्षा सिर्फ डिग्री हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि रोजगार की तैयारी और जॉब क्रिएटर बनने के लिए होगी।
दो बार बोर्ड परीक्षा का प्रावधान भी छात्रों के तनाव को कम करने और बेहतर प्रदर्शन का अवसर देने के लिए किया गया है। पहला परीक्षा जिसमें छात्र अच्छा प्रदर्शन करता है, वही मान्य होगी।इस तरह NEP शिक्षा के हर पहलू को सुधारने और बच्चों को बेहतर भविष्य देने की दिशा में काम कर रही है।
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