Momos and Dumplings:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत में मोमोज और डंपलिंग्स आजकल बेहद लोकप्रिय स्ट्रीट फूड्स हैं। हालांकि ये दोनों डिशेज दिखने में मिलती-जुलती लगती हैं, लेकिन इनके बीच कई अहम अंतर होते हैं, जिन्हें जानना ज़रूरी है, खासकर जब आप किसी रेस्टोरेंट में सही ऑर्डर देना चाहते हैं।
Momos and Dumplings: क्या है इन दोनों में अंतर ?
सबसे बड़ा अंतर है इनका ओरिजिन। डंपलिंग्स की जड़ें चीन से जुड़ी हैं, जहां यह पारंपरिक भोजन का हिस्सा हैं। वहीं, मोमोज की उत्पत्ति तिब्बत और नेपाल से मानी जाती है। भारत में मोमोज का स्वाद समय के साथ काफी इंडियनाइज हो चुका है, मसालेदार और तीखा, जबकि डंपलिंग्स का फ्लेवर अपेक्षाकृत हल्का और बैलेंस होता है।
बनाने की सामग्री और तरीका भी अलग होता है। डंपलिंग्स की बाहरी परत राइस फ्लोर या गेहूं के आटे से बनती है, जो पतली और मुलायम होती है। वहीं, मोमोज की परत मैदे से बनती है, जो मोटी और चबाने में भारी होती है।
स्टफिंग की बात करें तो, मोमोज़ में आमतौर पर पत्ता गोभी, गाजर, प्याज, लहसुन, अदरक और मीट (चिकन/मटन) डाला जाता है। डंपलिंग्स में झींगा, टोफू, मशरूम, पालक जैसी सामग्री और खास एशियाई सीज़निंग का प्रयोग किया जाता है।
Momos and Dumplings:
पकाने के तरीके में भी फर्क है। मोमोज को मुख्य रूप से स्टीम, तंदूर या फ्राई करके परोसा जाता है, जबकि डंपलिंग्स को स्टीमिंग के अलावा पैन-फ्राय, डीप-फ्राय, बेक या उबाल कर भी बनाया जाता है।
सर्व करने का अंदाज़ भी अलग होता है, मोमोज तीखी लाल चटनी के साथ आते हैं, जबकि डंपलिंग्स को अक्सर सोया सॉस, चिली ऑयल या विनेगर जैसी डिपिंग सॉस के साथ परोसा जाता है।
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