दिनांक – 09 सितम्बर 2024
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – शुक्ल
तिथि – षष्ठी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र – विशाखा शाम 06:14 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग – वैधृति रात्रि 12:033 तक तत्पश्चात विष्कंभ
राहुकाल – सुबह 07:57 से सुबह 09:30 तक
सूर्योदय -05:35
सूर्यास्त- 06:04
दिशाशूल – पूर्व दिशा मे
व्रत पर्व विवरण – सूर्य षष्ठी
विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
लक्ष्मी प्रप्ति व्रत
11 सितम्बर 2024 बुधवार से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक घर में अगर कोई महालक्ष्मी माता का पूजन करे और रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे तो उस के घर में लक्ष्मी बढ़ती जाती है…
महालक्ष्मी का पूजन करें .
रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देना कच्चे दूध(थोडासा) से फिर पानी से.. .
महालक्ष्मी का मन्त्र जप करना.
- ॐ श्रीं नमः
- ॐ विष्णु प्रियाय नमः
- ॐ महा लक्ष्मै नमः
- इन में से कोई भी एक जप करे..
अन्नपूर्णा प्रयोग
प्रत्येक पूर्णिमा को घर के अन्न – भंडार के स्थान पर कपास के तेल का दीपक जलायें | इसके प्रभाव से घर की रसोई में बहुत बरकत होती है | यह अन्नपूर्णा प्रयोग हैं |
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