दिनांक – 07 सितम्बर 2024
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी शाम 05:37 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – चित्रा दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात स्वाती
योग – ब्रह्म रात्रि 11:17 तक तत्पश्चात इन्द्र
राहुकाल – सुबह 09:30 से सुबह 11:03 तक
सूर्योदय -05:34
सूर्यास्त- 06:04
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
विनायक चतुर्थी,श्रीगणेश चतुर्थी (चन्द्र-दर्शन निषिद्ध,चन्द्रास्त : रात्रि 09:27),श्रीगणेश महोत्सव प्रारंभ
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
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