दिनांक -05 जुलाई 2024
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ॠतु
मास – आषाढ
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या 06 जुलाई प्रातः 04:26 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
नक्षत्र – आर्द्रा 06 जुलाई प्रातः 04:06 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – ध्रुव 06 जुलाई रात्रि 03:49 तक तत्पश्चात व्याघात
राहुकाल – सुबह 11:03 से दोपहर 12:43 तक
सूर्योदय-05:13
सूर्यास्त- 06:23
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – चतुर्दशी
आर्द्रा नक्षत्र योग (प्रातः 03:54 से 04:57 तक) ॐकार का जप अक्षय फलदायी),दर्श अमावस्या,आषाढ अमावस्या
विशेष – अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
अक्षय पुण्य प्राप्ति महायोग
नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए
05 जुलाई 2024 शुक्रवार को दर्श अमावस्या, आषाढ़ अमावस्या हैl
घर में हर अमावस अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक (1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें।
इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।
अमावस्या
अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)
धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
सामग्री : 1. काले तिल, 2. जौं, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गूगल, 7. गुड़, 8. देशी कर्पूर, 9. गौ चंदन या कण्डा।
विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त 9 वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की 1-1 आहुति दें।
आहुति मंत्र
- ॐ कुल देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
- ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
- ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
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