दिनांक – 09 जून 2024
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – तृतीया शाम 03:44 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – पुनर्वसु रात्रि 08:20 तक तत्पश्चात पुष्य
योग – वृद्धि शाम 05:21 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल – शाम 05:39 से शाम 07:20 तक
सूर्योदय-05:07
सूर्यास्त- 06:28
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
रविपुष्य योग (रात्रि 08:20 से 10 जून सूर्योदय तक)
विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
निर्धनता दूर करने के लिए 09 जून को इतना जरूर करले
घर की शोभा बढ़ाने के लिए
- किसी का बुरा न माने , किसी का बुरा ना सोचे..तो घर स्वर्ग हो जायेगा
- आव नही, आदर नही, नही नयनन मे नेह
तुलसी वा घर ना जायियो चाहे कंचन बरसे गेह
आप के घर मे कोई आये तो उस को आदर दीजिये आप के घर की शोभा बढेगी.. - “हे प्रभु आनंद दाता” ये प्रार्थना रोज घर मे सब मिलकर गाओ तो घर स्वर्ग हो जाये..
कंठस्थ करो….घर के झगडे दूर होंगे…।
अपाचन हो तो
अपाचन बढ़ा तो अजवाईन, सोठ और काली मिर्च का मिश्रण करके वो पाउडर एक चुटकी ले तो पाचन ठीक होगा…सुबह ले ले और 2/3 घंटे बाद भोजन करे…
सुख-शांति व धन वृद्धि हेतु
सफेद पलाश के एक या अधिक पुष्पों को किसी शुभ मुहूर्त में लाकर तिजोरी में सुरक्षित रखने से उस घर में सुख-शांति रहती है, धन-आगमन में बहुत वृद्धि होती है|
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