दिनांक – 29 अक्टूबर 2024
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वादशी सुबह 10:31 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी शाम 06:34 तक तत्पश्चात हस्त
योग – इन्द्र सुबह 07:48 तक तत्पश्चात वैधृती
राहुकाल – शाम 03:13 से शाम 04:39 तक
सूर्योदय -05:51
सूर्यास्त- 05:50
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – भौमप्रदोष व्रत,धनतेरस,यम दीपदान,भगवान धन्वंतरि जयंती,राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दिवाली पर इस मंत्र का जप करे और लक्ष्मीजी की ऐसी फोटो घर लाए व पहला दीपक दिवाली पर यहा जलाए धन धान्य बढेगा
नरक चतुर्दशी
30 अक्टूबर 2024 बुधवार को नरक चतुर्दशी (रात्रि में मंत्रजप से मंत्रसिद्धि), 31 अक्टूबर, गुरुवार को नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान)।
नरक चतुर्दशी के दिन चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है । एक चार मुख ( चार लौ ) वाला दीप जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिये –
“दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया। चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये॥”
( नरक चतुर्दशी के दिन नरक के अभिमानी देवता की प्रसन्नता के लिये तथा समस्त पापों के विनाश के लिये मै चार बत्तियों वाला चौमुखा दीप अर्पित करता हूँ।)
यद्यपि कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है।
‘सन्नतकुमार संहिता’ एवं धर्मसिन्धु ग्रन्थ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है। जो इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके शुभकर्मों का नाश हो जाता है।
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