दिनांक – 03 जनवरी 2025
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर ॠतु
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – धनिष्ठा रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात शतभिषा
योग – वज्र दोपहर 12:38 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहुकाल – सुबह 11:22 से दोपहर 12:43 तक
सूर्योदय 06:28
सूर्यास्त – 05:20
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी,पंचक (आरंभ: सुबह 10:47)
विशेष- चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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कार्य सिद्धि के लिए
“ॐ गं गणपतये नमः”
हर कार्य शुरु करने से पहले इस मंत्र का 108 बार जप करें, कार्य सिद्ध होगा ।
इलायची
इलायची औषधीय रूप से अति महत्त्वपूर्ण है | यह दो प्रकार की होती है – छोटी व बड़ी |*
छोटी इलायची : यह सुंगधित, जठराग्निवर्धक, शीतल, मूत्रल, वातहर, उत्तेजक व पाचक होती है | इसका प्रयोग खाँसी, अजीर्ण, अतिसार, बवासीर, पेटदर्द, श्वास ( दमा ) तथा दाहयुक्त तकलीफों में किया जाता है |
औषधीय प्रयोग
अधिक केले खाने से हुई बदहजमी एक इलायची खाने से दूर हो जाती है |
धूप में जाते समय तथा यात्रा में जी मचलाने पर एक इलायची मुँह में डाल दें |
1 कप पानी में 1 ग्राम इलायची चूर्ण डालके ५ मिनट तक उबालें | इसे छानकर एक चम्मच शक्कर मिलायें | २ – २ चम्मच यह पानी २ – २ घंटे के अंतर लेने से जी – मचलाना, उबकाई आना, उल्टी आदि में लाभ होता है |
छिलके सहित छोटी इलायची तथा मिश्री समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनालें | चुटकीभर चूर्ण को १ -१ घंटे के अंतर से चूसने से सूखी खाँसी में लाभ होता है | कफ पिघलकर निकल जाता है |
रात को भिगोये 2 बादाम सुबह छिलके उतारकर घिसलें | इसमें १ ग्राम इलायची चूर्ण, आधा ग्राम जावित्री चूर्ण, 2 चम्मच मक्खन तथा आधा चम्मच मिश्री मिलाकर खाली पेट खाने से वीर्य पुष्ट व गाढ़ा होता है |
आधा से 1 ग्राम इलायची चूर्ण का आँवले के रस या चूर्ण के साथ सेवन करने से पेशाब और हाथ-पैरों की जलन दूर होती है |
आधा ग्राम इलायची दाने का चूर्ण और 1-2 ग्राम पीपरामूल चूर्ण को घी के साथ रोज सुबह चाटने से ह्रदयरोग में लाभ होता है |
छिलके सहित 1 इलायची को आग में जलाकर राख कर लें | इस राख को शहद मिलाकर चाटने से उलटी में लाभ होता है |
1 ग्राम इलायची दाने का चूर्ण दूध के साथ लेने से पेशाब खुलकर आती है एवं मूत्रमार्ग की जलन शांत होती है |
सावधानी : रात को इलायची न खायें, इससे खट्टी डकारें आती है | इसके अधिक सेवन से गर्भपात होने की भी सम्भावना रहती है |
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