दिनांक – 16 अक्टूबर 2024
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – अश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्दशी रात्रि 08:40 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद शाम 07:18 तक तत्पश्चात रेवती
योग – ध्रुव सुबह 10:10 तक तत्पश्चात व्याघात
राहुकाल – दोपहर 12:24 से दोपहर 01:51 तक
सूर्योदय -05:45
सूर्यास्त- 06:01
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – कोजागरी पूर्णिमा,शरद पूर्णिमा (खीर चंद्र किरणो मे रखे),पंचक
विशेष – चतुर्दशी व पूर्णिमा एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
शरद पूनम पर करे यह उपाय मन विचलित नही होगा बच्चे आपका बात मानेंगे।
तुला संक्रांति
17 अक्टूबर 2024 गुरुवार को संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 11:44 तक)
इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है।
कार्तिक मास में स्नान की महिमा
17 अक्टूबर 2024 गुरुवार से कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार 02 नवम्बर 2024 शनिवार से कार्तिक मास प्रारंभ)
कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान करने की बड़ी भारी महिमा है और ये स्नान तीर्थ स्नान के समान होता है।
कार्तिक मास में जप
कार्तिक मास में अपने गुरुदेव का सुमिरन करते हुए जो “ॐ नमो नारायणाय” का जप करता है, उसे बहुत पुण्य होता है|
कार्तिक मास
स्कंद पुराण में लिखा है : ‘कार्तिक मास के समान कोई और मास नहीं हैं, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान दूसरा कोई तीर्थ नहीं है |’ – ( वैष्णव खण्ड, का.मा. : 1.36-37)
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