दिनांक – 08 अक्टूबर 2024
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – अश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – पंचमी सुबह 11:17 तक षष्ठी
नक्षत्र – ज्येष्ठा 09 अक्टूबर प्रातः 04:08 तक तत्पश्चात मूल
योग – आयुष्मान सुबह 06:51 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल – शाम 03:23 से शाम 04:51तक
सूर्योदय -05:43
सूर्यास्त- 06:01
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
विजयादशमी पर यह उपाय करने से थोडा पुरूषार्थ करने पर ही कार्य मे सफलता मिल जाएगी
किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए संसार में और भगवान की प्राप्ति में सफल होने का सुंदर तरीका है।
1. अपनी योग्यता के अनुरूप परिश्रम में कोर-कसर न रखें ।
2. अंदर में त्याग-भावना हो | परिश्रम का फल, सफलता का फल भोगने की लोलुपता का त्याग हो।
3. स्वभाव में स्नेह और सहानुभूति हो।
4. लक्ष्यप्राप्ति के लिए तीव्र लगन हो।
5. प्रफुल्लिता हो।
6. निर्भयता हो।
7. आत्मविश्वास हो तो व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफल हो जायेगा।
शारदीय नवरात्रि
नवरात्रि की सप्तमी तिथि यानी सातवें दिन माता दुर्गा को गुड़ का भोग लगाएं ।इससे हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए।
इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है।
जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।
इसे भी पढ़ें
ll वैदिक पंचांग ll 07 अक्टूबर 2024 [Vedic Panchang, 07 October 2024]