दिनांक – 08 नवम्बर 2024
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
तिथि – सप्तमी रात्रि 11:56 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – उत्तराषाढा दोपहर 12:03 तक तत्पश्चात श्रवण
योग – शूल सुबह 08:28 तक तत्पश्चात वृद्धि
राहुकाल – सुबह 10:58 से दोपहर 12:22 तक
सूर्योदय 05:56
सूर्यास्त – 5:18
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
गोपाष्टमी विशेष
09 नवम्बर 2024 शुक्रवार को गोपाष्टमी है।
गौ माता धरती की सबसे बड़ी वैद्यराज
- भारतीय संस्कृति में गौमाता की सेवा सबसे उत्तम सेवा मानी गयी है, श्री कृष्ण गौ सेवा को सर्व प्रिय मानते हैं।
- शुद्ध भारतीय नस्ल की गाय की रीढ़ में सूर्यकेतु नाम की एक विशेष नाढ़ी होती है जब इस नाढ़ी पर सूर्य की किरणे पड़ती हैं तो स्वर्ण के सूक्ष्म काणों का निर्माण करती हैं, इसीलिए गाय के दूध, मक्खन और घी में पीलापन रहता है, यही पीलापन अमृत कहलाता है और मानव शरीर में उपस्थित विष को बेअसर करता है l
- गाय को सहलाने वाले के कई असाध्य रोग मिट जाते हैं क्योंकि गाय के रोमकोपों से सतत एक विशेष ऊर्जा निकलती है।
- गाय की पूछ के झाडने से बच्चों का ऊपरी हवा एवं नज़र से बचाव होता है।
- गौमूत्र एवं गोझारण के फायदे तो अनंत हैं , इसके सेवन से केंसर व् मधुमय के कीटाणु नष्ट होते हैं।
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