दिनांक – 29 दिसम्बर 2024
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर ॠतु
मास – पौष)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्दशी 30 दिसंबर प्रातः 04:01तक तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र – ज्येष्ठा रात्रि 11:22 तक मूल
योग – गण्ड रात्रि 09:41 तक तत्पश्चात वृद्धि
राहुकाल – शाम 04:45 से शाम 06:07 तक
सूर्योदय 06:21
सूर्यास्त – 05:20
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि
विशेष- चतुर्दशी और अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
सोमवती अमावस्या पर धन धान्य की वृद्धि के लिए यह कार्य अवश्य करले। दान देते समय इस चीज को जरूर शामिल कर लें।
आर्थिक लाभ, बुद्धिलाभ और पुण्यलाभ एक साथ
30 दिसम्बर 2024 सोमवार को सूर्योदय से 31 दिसम्बर प्रातः 03:56 सोमवती अमावस्या है।
दरिद्रता मिटाने हेतु
जिनको रोजी – रोटी में बरकत न पड़ती हो वे सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहकर प्रात: स्नान करें तो 1000 गोदान का फल मिलेगा और पीपल देवता की 108 परिक्रमा करें तथा प्रार्थना करें : ‘हे वृक्षराज !
आपकी जड़ में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और शिखर में शिव तत्व हैं, आपको मेरा नमस्कार है | आप मेरे द्वारा की हुई पूजा को स्वीकार करें और मेरे पापों का हरण करें।’ इससे आरोग्य भी प्राप्त होगा।
ऐसे ही तुलसी की 108 परिक्रमा करें और प्रार्थना करें : ‘हे तुलसी माँ ! आप मेरे घर की दरिद्रता – दीनता नष्ट करें।’
दरिद्रता मिटाने के लिए तथा जो नौकरीवाले लोग हैं या जो काम-धंदे में विफल हुए हैं अथवा जिनको किसीसे कुछ लेना बनता है और रुका हुआ है उनके लिए यह बहुत जरूरी है।
पायें जप का दस लाख गुना लाभ
सोमवती अमावस्या को किया हुआ जप सूर्यग्रहण के समान 10 लाख गुना फलदायी होता है। चौदस की रात्रि को जप करते-करते सोना और सुबह उठकर थोडा शांतमय जप में बैठना। जप की संख्या बढ़ाना नहीं, जप के अर्थ में शांत होते जाना।
करोड़ काम छोड़कर सोमवती अमावस्या को हरि का भजन और तुलसी की परिक्रमा तुम्हे करनी ही चाहिए। कोई महिला मासिक धर्म में हो तो उसको छुट है , बाकी के लोग यह जरुर करना। इससे आपको बहुत लाभ होगा। आर्थिक लाभ होगा, बुद्धिलाभ होगा और पुण्यलाभ भी होगा।
सोमवती अमावस्या पर विशेष मंत्र
जिनको पैसो की कमजोरी है तो तुलसी माता को 108 प्रदिक्षणा करें, और श्री हरि…. श्री हरि…. श्री हरि…. श्री हरि…. ‘श्री’ माना सम्पदा, ‘हरि’ माना भगवान की दया पाना। तो गरीबी चली जायेगी।
ll वैदिक पंचांग ll 28 दिसम्बर 2024 [ll Vedic Almanac ll 28 December 2024]