दिनांक – 11 दिसम्बर 2024
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – एकादशी 12 दिसम्बर रात्रि 01:09 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – रेवती सुबह 11:048 तक तत्पश्चात अश्विनी
योग – वरीयान शाम 06:48 तक तत्पश्चात परिघ
राहुकाल – दोपहर 12:32 से दोपहर 01:54 तक
सूर्योदय 06:17
सूर्यास्त – 5:30
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – मोक्षदा एकादशी,पंचक (समाप्त : दोपहर 11:48 )
विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं। राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ें
ll वैदिक पंचांग ll 10 दिसम्बर 2024 [ll Vedic Almanac ll 10 December 2024]