दिनांक – 09 दिसम्बर 2024
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी सुबह 08:02 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – पूर्वभाद्रपद दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद
योग – सिद्धि 10 दिसम्बर रात्रि 01:06 तक तत्पश्चात व्यतीपात
राहुकाल – सुबह 08:26 से सुबह 09:48 तक
सूर्योदय 06:16
सूर्यास्त – 5:35
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण – व्यतीपात योग (रात्रि 01:06 से 10 दिसम्बर रात्रि 10:03 तक),पंचक,नवमी क्षय तिथि
विशेष- अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
इस दिन से इन सभी कार्यो पर लग जाएगी रोक
दीर्घायु और आरोग्य वृद्धि के लिए
विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी …..जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता। ) भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन करें, और हो सके तो घी की आहुति दें।
एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है। आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–
विशेष – [ ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफे है वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले।]
ॐ यमाय नम:
ॐ धर्मराजाय नम:
ॐ मृत्यवे नम:
ॐ अन्तकाय नम:
ॐ कालाय नम:
ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है।
अकाल मृत्यु घर में न हो, जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु न हो उसके लिए घर में अमावस्या के दिन गीता का सातवां अध्याय पढना चाहिये। पाठ पूरा हो जाय तो सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिये कि हमारे घर में सबकी लंबी आयु हो और जो पहले गुजर गये है।
हे भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और आज के गीता पाठ का पुण्य ये उनको पहुँचे। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय करके वो जल चढ़ा दे।
और हो सके तो ….भगवान ने पैसा दिया हो थोडा बहुत तो उस अमावस्या को गरीब बच्चों – बच्चीयों को चार–पाँच बच्चों को खाना देकर आये सब्जी-रोटी थोडा कुछ मीठा हलवा बना ले थोडा-सा गरीब बच्चों को दे आये। सेवा भी हो जायेगी और जो गुजर गये है वो हम पर राजी हो जायेंगे।
विशेष – 10 दिसम्बर 2024 मंगलवार को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है।
तुलसी को पानी अर्पण से पुण्य
अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए उसकी हवा से भी बहुत लाभ होते हैं और तुलसी को एक ग्लास पानी अर्पण करने से सवा मासा सुवर्ण दान का फल मिलता है।
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