Lightning:
हालिया बारिश ने यूपी, बिहार और झारखंड में तबाही मचाई, जिसमें ओले और बिजली गिरने से कई लोगों की जान चली गई। लेकिन सवाल यह है कि आखिर आसमान में बिजली कैसे बनती है और बिना किसी तार के यह जमीन तक कैसे पहुंच जाती है?
Lightning: आकाशीय बिजली कैसे बनती है?
आकाशीय बिजली उस समय बनती है जब बादलों में बर्फ और पानी की बूंदें आपस में टकराती हैं। इस टक्कर से घर्षण उत्पन्न होता है, जो विद्युत आवेश (चार्ज) का निर्माण करता है।
धीरे-धीरे बादल का ऊपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज और निचला हिस्सा नेगेटिव चार्ज से भर जाता है। जब यह नेगेटिव चार्ज काफी बढ़ जाता है, तो यह नीचे की ओर पॉजिटिव चार्ज की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली बनने की प्रक्रिया शुरू होती है।
Lightning: बिना तार के बिजली जमीन तक कैसे पहुंचती है?
जब बादल और जमीन के बीच बहुत ज्यादा वोल्टेज का अंतर बन जाता है, तो हवा का इंसुलेटर गुण टूट जाता है, जिससे बिजली इसे पार कर सकती है। इस दौरान एक चमकदार रास्ता बनता है, जिसे प्लाज्मा पथ कहते हैं। इसी रास्ते से बिजली तेजी से जमीन तक पहुंचती है और इसे किसी तार की आवश्यकता नहीं होती।
Lightning: आकाशीय बिजली से बचाव के उपाय
आकाशीय बिजली गिरने से कई बार जानलेवा घटनाएं घटती हैं। इसका सबसे बड़ा खतरा उन लोगों को होता है जो खुले में होते हैं, जैसे किसान जो खेतों में काम कर रहे होते हैं, या वह लोग जो तालाब और नदी में नहा रहे होते हैं। आकाशीय बिजली हमेशा ऊंचाई या खुले स्थानों की ओर आकर्षित होती है और पानी व धातु इसके अच्छे कंडक्टर होते हैं।
Lightning: बचाव के उपाय:
पेड़ के नीचे न खड़े हों – बारिश और बिजली के दौरान पेड़ के नीचे खड़ा होना खतरनाक हो सकता है।
पानी में न नहाएं – बारिश के मौसम में पानी में नहाना भी जानलेवा हो सकता है।
सुरक्षित स्थान पर रहें – मौसम खराब होने पर तुरंत घर या किसी पक्के शेल्टर में छिप जाएं और जब तक मौसम साफ न हो, बाहर न निकलें।
थोड़ी सी सावधानी से आप बड़ी दुर्घटनाओं से बच सकते हैं और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
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