नई दिल्ली, एजेंसियां। दिसंबर का महीना क्रिसमस के वजह से बहुत खास होता है। क्रिसमस का ये पर्व सिर्फ किसी एक धर्म या क्षेत्र तक सीमित नहीं है।
यह पर्व दुनिया के हर कोने में मनाया जाता है। बच्चे से लेकर बड़े तक सबका पसंदीदा त्योहार होता हैं। क्रिसमस का त्योहार एक सार्वभौमिक त्योहार है, जिसमें हर व्यक्ति भाग लेता है और सबको शुभकामनाएं देता है।
इस त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा क्रिसमस ट्री होता है। हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस ट्री को फलों, फूलों, रोशनी, कैंडी, चॉकलेट, खिलौनों और बहुत कुछ से सजाया जाता है, इसे आध्यात्मिक प्रतीकों, चित्रों और मूर्तियों से भी सजाया जाता है।
हर वर्ष इस दिन ज़्यादातर घरों, दुकानों और कार्यालयों को क्रिसमस ट्री से सजाया जाता है। कुछ ग्रंथों में इसे “स्वर्ग का वृक्ष” भी कहा गया है। देखा जाए तो पेड़ हमारे ग्रह का एक अभिन्न अंग हैं, क्रिसमस ट्री भी पेड़ का ही एक रूप होता है।
अब आपको बताते है कि घर में क्रिसमस ट्री रखने से क्या क्या बदलाव आते है…
क्रिसमस ट्री सिर्फ सजावट के लिए नहीं है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है। घर में अक्सर होने वाले झगड़े रुकते है। इतना ही नहीं परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और सम्मान बढ़ाता है। साथ ही क्रिसमस ट्री की हरी-भरी शाखाएं हमें प्रकृति से जोड़ती हैं और हमारे मन को शांत देती हैं।
किस दिशा में रखे क्रिसमस ट्री
वास्तु शास्त्र के अनुसार, क्रिसमस ट्री को घर के उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है। अगर उत्तर दिशा में जगह न हो तो उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में रख सकते हैं।
इन दिशाओं में क्रिसमस ट्री रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। बता दे क्रिसमस ट्री को सजाते समय रंगों का भी खास महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, लाल और पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली लाते हैं।
लाल रंग प्यार, उत्साह और जीवन शक्ति का प्रतीक है, जबकि पीला रंग खुशी, आशा और बुद्धि का प्रतीक है। इसलिए, जब आप अपने क्रिसमस ट्री को लाल और पीली रोशनी से सजाते हैं, तो आप अपने घर में प्यार, खुशी और सकारात्मकता का वातावरण बनाते हैं।
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