यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग
नई दिल्ली, एजेंसियां। उत्तर प्रदेश में नेम प्लेट विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने वाले यूपी सरकार के आदेश को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
एसोशिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दाखिल की है। इसमें सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में शनिवार 20 जुलाई को सुबह 6 बजे ऑन लाइन याचिका दाखिल की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने उसी दिन मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 22 जुलाई को जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच इस याचिका की सुनवाई करेगी।
बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले में 240 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेलों सहित रेस्त्रां को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम छापने का आदेश दिया था।
इसके कुछ ही दिनों बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य के लिए ऐसा ही आदेश जारी करने का फैसला किया।
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद सहित कई पार्टियों ने इस फैसले का विरोध किया है।
जमीयत ने योगी सरकार के आदेश की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि यह ‘भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक’ फैसला है तथा इससे संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का हनन होता है।
जमीयत का यह भी कहना है कि उसकी कानूनी टीम इस आदेश के कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी।
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