Jammu and Kashmir:
श्रीनगर, एजेंसियां। जम्मू-कश्मीर में सूखे जैसे हालात के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को पानी पहुंचाने के लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर बनाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पहले अपने पानी की जरूरत पूरी करनी चाहिए और प्रदेश की हालत ऐसे समय में सूखे जैसी है, इसलिए उन्हें पंजाब को पानी देने की अनुमति नहीं देंगे।
उमर ने सिंधु जल संधि के तहत पंजाब के पास पहले से ही पर्याप्त पानी होने का हवाला देते हुए कहा कि क्या पंजाब ने जम्मू-कश्मीर को कभी पानी दिया है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को रोक दिया गया है और नहर निर्माण की मांग लगातार बढ़ रही है।
Jammu and Kashmir: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती लगाए आरोप
वहीं, सीएम ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन पर भी गंभीर आरोप लगाए कि उन्होंने आरक्षण मुद्दे पर राजनीतिक फायदे के लिए चुप्पी साध रखी थी। उमर ने बताया कि उनकी सरकार ने छह महीने में आरक्षण रिपोर्ट पेश कर दी, जो पहली बार ऐसा हुआ है, जबकि विपक्ष इसे लेकर समय खराब कर रहा था। इसके अलावा, उन्होंने ईरान-इजराइल तनाव पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत के लगभग 1600 छात्र वहां फंसे हुए हैं और 400 को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
Jammu and Kashmir: इजराइल की कार्रवाई पर उठाए सवाल
उन्होंने इजराइल की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कहा कि ईरान के खिलाफ इतनी सख्ती क्यों बरती जा रही है जबकि कुछ महीने पहले कहा गया था कि ईरान के पास परमाणु कार्यक्रम नहीं है। राज्य के दर्जे के मुद्दे पर भी उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी के वादे का इंतजार करने की बात कही। इस तरह, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जल संकट, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और वैश्विक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखी है।
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