नई दिल्ली ,एजेंसियां। भारत की जीडीपी ग्रोथ में 2025 के लिए उम्मीदें बढ़ रही हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित रियल जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी और 2025-26 की पहली तिमाही के लिए 6.9 फीसदी रहने की संभावना है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद और विकास की अपार संभावनाएं इसे आगे बढ़ने में मदद करेंगी। हालांकि, कुछ समय पहले जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी रही थी, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘अस्थायी झटका’ बताया था।
महंगाई और उपभोक्ता मांग में सुधार
महंगाई में कमी आने की संभावना है, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में खपत बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, ग्रामीण मांग में सुधार भी हो रहा है, जो अर्थव्यवस्था के सुधार में मदद करेगा। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, त्योहारों के मौसम में बढ़ी बिक्री से अगले महीनों में और सुधार देखने को मिल सकता है।
आरबीआई की भूमिका और ब्याज दर में कटौती
आरबीआई की फरवरी 2025 की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इस बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है। नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में यह पहली बैठक होगी, जो केंद्रीय बजट के तुरंत बाद होगी। यह बैठक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम साबित हो सकती है।
भारत की आर्थिक भविष्यवाणी: वैश्विक प्रभाव और स्थानीय विकास
भारत की आर्थिक दिशा वैश्विक परिवर्तनों, जैसे कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों, पर निर्भर करेगी। हालांकि, स्थानीय आर्थिक विकास और सरकारी नीतियों की दिशा उज्ज्वल प्रतीत होती है। आगामी केंद्रीय बजट भी इस दिशा को स्पष्ट करेगा, और नीतियों के असर से भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।
अर्थशास्त्रियों की सकारात्मक भविष्यवाणी
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री, मदन सबनवीस का कहना है कि 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 6.6-6.8 प्रतिशत से बढ़कर 7 प्रतिशत तक जा सकती है। इसके अलावा, महंगाई में कमी से खपत में वृद्धि होने की संभावना है, जो निजी निवेश को बढ़ावा देगी।
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